RAIPUR. छत्तीसगढ़ में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा नदियों, पर्वत श्रृंखलाओं, हिल स्टेशनों, जंगलों और विरासत स्थलों पर ‘कारवां पर्यटन’ को बढ़ावा देने की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए पृथक से पंजीयन भी शुरू कर दिया गया है. पंजीयन के लिए गाड़ी की कीमत का 10% टैक्स चुकाना होगा.
क्या है ‘मोटर कारवां’
‘मोटर कारवां’ एक ऐसी गाड़ी है जिसके अंदर होटल जैसी सुविधा उपलब्ध होगी. इसमें बैठने और सोने की व्यवस्था होती है। साथ ही साथ टेबल और किचन भी होता है, कई वाहनों में बाथरूम भी होता है। एक हिसाब से इसे चलता-फिरता होटल भी कह सकते हैं.
ऐसे बनेगा कारवां
कारवां वाहन बनाने के लिए आप किसी भी पुरानी गाड़ी को खरीद सकते हैं. और फिर मोडिफाई करवाकर कारवां वाहन बनवा सकते हैं. या उसे पंजीकृत बॉडी बिल्डर से भी बनवा सकते हैं. लेकिन पुरानी गाड़ी खरीदते वक़्त ध्यान देना होगा कि वो गाड़ी तीन वर्ष से अधिक पुरानी न हो. यदि आप मोटर कारवां पुराणी गाड़ी को मॉडिफाई करवाकर बनाते हैं तो आपको इसका पंजीयन अलग से कराना होगा. पंजीयन के तौर पर आपको गाड़ी की कीमत का 10% शुल्क चुकाना होगा.
यहां आएगा काम
ऐसे पर्यटन स्थल जो काफी दुर्गम क्षेत्र में है, जहां होटल और रहने की व्यवस्था नहीं है. ऐसी जगहों में ये वाहन टूरिस्टों की पहली पसंद बन सकती है. इस वाहन की ओर युवाओं, परिवारों, वरिष्ठ नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों सहित बाजार क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला आकर्षित होगी.
कारवां का ये है उद्देश्य
पर्यटकों को सुरक्षित यात्रा प्रदान करना और टूर ऑपरेटरों को प्रोत्साहित करना इसका मुख्य उद्देश्य है. ये प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता और अन्य आकर्षणों का आनंद लेने की पर्यटकों को अनुमति देगा और इससे पर्यटन क्षेत्र में स्थानीय रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।