BHILAI. शासकीय राशन दुकानों में राशन स्टाक में कमी व अनियमितता तथा चावल की कालाबाजारी के विरोध में दुर्ग भाजपाइयों द्वारा कलेक्टोरेट का घेराव किया गया। आंदोलन कर रहे कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा बैरिकेटिंग की व्यवस्था भी की गई थी। इसी बीच कार्यकर्ताओं व पुलिसकर्मियों के बीच झूमा-झटकी भी हो गई।
भाजपा पार्षद पीयूष मिश्रा के नेतृत्व में किये गए घेराव में भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता शामिल हुए। कार्यकर्ताओं द्वारा यह आरोप लगाया लगा कि कुछ राशन दुकान पार्षदों द्वारा संचालित किये जा रहे है जो नियम विरूद्ध है। साथ ही उन्होंने इनके खिलाफ कार्यवाही कर बर्खास्त करने की मांग भी की है।
पार्षद पीयूष मिश्रा का कहना है कि, गरीबी रेखा के कार्ड हितग्राहकों द्वारा लगातार शिकायत आ रही थी कि, जिन दुकानों से उनके कार्ड अटैच है वहां से उन्हें राशन नहीं दिया जा रहा है।
इसके साथ ही लगभग 04 -05 माह से कुछ राशन दुकानें बंद भी है। इस शिकायत पर कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य विभाग की टीम ने संदिग्ध दुकानों की जांच की। जांच में पाया गया कि राशन दुकानों में पाए जाने वाला राशन स्टॉक वहां है ही नहीं।
स्थानीय लोगों ने यह जानकारी दी कि यह दुकानें 4-5 माह से बंद है और ना ही वहा पर राशन स्टाक है। प्रदर्शनकारियों का यह भी आरोप है कि, कालाबाजारी कर रहे इन लोगों को जांच की भनक हो गई थी इसलिए उनके द्वारा दुकानों में कुछ खुले चावल के बोरे लाकर रख दिए गए। जबकि सरकारी खाद्य विभाग से आये अनाज के बोरे खुले हुए नहीं आते है साथ ही उसमें मोहर लगे होते है।
यह दुकानें कांग्रेस के दो पार्षदों की है। इन दुकानों को विधायक का संरक्षण मिलने का आरोप भी लगाया गया है। इनपर कार्यवाही करके जल्द से जल्द बर्खास्त करने की मांग की गई है।
भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मनीष पांडेय, ने खुर्सीपार की दो खाद्यान दुकानों को विधायक प्रतिनिधि की पत्नी व पार्षद का बताया है। उनका कहना है कि विगत 4 वर्षों से विधायक के संरक्षण में शहर में चावल की कालाबाजारी हो रही है। आज दुर्ग कलेक्टोरेट में ज्ञापन सौंपकर उक्त दो पार्षदों पर तत्काल कार्यवाही करते हुए उन्हें निरस्त करने की मांग की गई है।