RAIPUR. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को कुछ ही महीने शेष है। वहीं दूसरी ओर सरकार से नाराज असंतोष कर्मचारियों का अब धरना के साथ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। इसी कड़ी में आज से छत्तीसगढ़ के 45000 संविदाकर्मी हड़ताल पर हैं। दरअसल, इन कर्मचारियों का प्रदर्शन कांग्रेस सरकार के विरोध में है, क्योंकि सरकार ने नियमितीकरण का वादा किया था मगर वह अब तक पूरा नहीं किया गया है। छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के इस प्रदर्शन में स्वास्थ्य, मनरेगा, पंचायत, कृषि, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना आदि विभागों के संविदा कर्मचारी आंदोलन पर रहेंगे।
जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में 03 जुलाई से 07 जुलाई तक 05 दिवसीय कर्मचारी द्वारा अपने अपने स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं 07 जुलाई को प्रदेश के सभी जिलों में एक रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके अलावा रैली में सभी कर्मचारी काले कपड़े पहनकर प्रदेश के सभी शहरों से निकलेंगे। वहीं कर्मचारियों ने यह भी तय किया है कि अगर बारिश होती है तो काले रंग के छाते का इस्तेमाल कर विरोध जारी रखेंगे। इन सब के बाद 08 और 09 जुलाई को कर्मचारी अपने आगे की रणनीति के लिए एक बैठक करेंगे। इसके बाद 10 जुलाई से होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी जाएगी।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ ने 16 मई को जांजगीर-चांपा कि शिवरीनारायण से संविदा नियमितीकरण रथ यात्रा निकाली थी। यह रथयात्रा 33 जिलों से गुजरी थी। इस दौरान कर्मचारियों ने सभी जिला कलेक्टरों और 90 विधानसभा इलाकों में 90 विधायकों से मिलकर अपनी समस्या बताई थी, मगर किसी ने इनका समाधान नहीं निकला। कर्मचारियों का आरोप है कि 90 विधायकों को ज्ञापन सौंपने के बाद भी संवेदनहीनता की स्थिति बनी रही, जिसकी बाद वो उन्हें अनिश्चितकालीन हड़ताल करनी पड़ रही है।
इन मांगों को लेकर कर रहे हड़ताल
संविदा कर्मचारियों की मांग है कि इन्हें स्थाई किया जाए, नौकरी की सुरक्षा 62 वर्ष आयु तक दी जाए, वहीं वरिष्ठता का लाभ, वेतन, ग्रेच्युटी, क्रमोन्नति-पदोन्नति, सामाजिक सुरक्षा, अनुकंपा नियुक्ति, बुढ़ापे का सहारा पेंशन जैसी मूलभूत सुविधाएं दी उन्हें दी जाएं।