RAIPUR. छत्तीसगढ में आए दिन ठगी के मामले सामने आरहे हैं, वहीं दिन प्रतिदिन ठगों का गिरोह तेजी से फैलता नजर आरहा है। अब तक यह गिरोह आम जनता को ठगता था, मगर अब यह बड़े अफसरों को भी अपने घेरे में ले रहा हैं। दरअसल, एक ऐसा मामला राजधानी रायपुर से सामने आया है। जिसमें प्रवर्तन निदेशालय(ED) के कार्रवाई से बचाने के लिए अफसरों से ही 50-50 लाख रुपए में सौदा किया और एडवांस के तौर पर 5-5 लाख वसूल लिए गए। सूचना मिलते ही पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो जालसाजों को अमरावती (महाराष्ट्र) से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने शिकायत पर धारा 384 ब्लैकमेलिंग और 419 छल-कपट का केस दर्ज किया है। मामला रखी थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के अनुसार 2 हजार करोड़ की शराब गड़बड़ी की जांच कर रहे ईडी की कार्रवाई से बचाने और कथित तौर पर डायरेक्टर से मुलाकात करवाने का झांसा देकर दोनों ठगों ने कुछ अफसरों से 50-50 लाख रुपए में सौदा किया था। वहीं एडवांस के तौर पर ठगों ने उनसे 5-5 लाख रुपए वसूले लिए। पुलिस आबकारी अपर आयुक्त राकेश मंडावी ने नवा रायपुर के राखी थाना इसकी लिखित शिकायत की है, कि अमरावती के अश्वनी भाटिया और उसके साथी ने खुद को महाराष्ट्र का लाइजनर बताया, और दावा किया की उनकी ed के डायरेक्टर और अन्य अधिकारियों से पहचान है। प्रदेश में चल रहे आबकारी गड़बड़ी की जांच से वो उन्हें बचा सकते हैं। मगर इसके लिए उन्हें मोटी रकम खर्च करनी पड़ेगी। कुछ लोगों ने झांसे में आकर 5-6 लाख रुपए दे भी दिए है।
पहले ही ऐसी ठगी के आरोप में जेल में है बंद
गौरतलब है कि अवैध कोल परिवहन केस में ईडी ने मुंबई के लाइजनर राजेश चौधरी को गिरफ्तार किया है, जो रायपुर जेल में बंद है। उसने कारोबारी सुनील अग्रवाल को ईडी की कार्रवाई से बचाने और जेल से छुड़वाने का सौदा किया और राजेश ने सुनील के परिजनों से मोटी रकम की मांग की ईडी ने मुंबई में छापा मारकर राजेश को पकड़ लिया। जानकारी के अनुसार गिरोह ने आबकारी भवन के अधिकारी के अलावा कई जिला आबकारी अधिकारी और उपायुक्त से संपर्क किया। कई लोग ठगों के झांसे में आ गए हैं।