RAIPUR. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग यानि सीजीपीएससी भर्ती में घोटाले का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता आज राजधानी रायपुर में PSC संग्राम करने निकले हैं। इस दौरान भाजयूमों के कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा बनाए गए बेरीकेड्स भी तोड़े। जिस पर पुलिस के साथ जमकर झूमा झटकी हुई। इस बीच सीएम हाउस घेरने निकल भाजयूमों के कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ धक्का मुक्की हुई, जिसमें डीडी नगर थाना प्रभारी कुमार गौरव के पैर में चोट लग गई जिसकी वजह से वे घायल हो गए। जानकारी के अनुसार सीएम हाउस घेराव करने निकले बीजेपी के कई बड़े नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। भाजपा अध्यक्ष अरुण साव, तेजस्वी सूर्या, सांसद संतोष पांडेय गिरफ्तार हुए हैं इनके साथ ही आलोक डंगस, संजय श्रीवास्तव, विजय शर्मा भी गिरफ्तार किए गए हैं। बड़े नेताओं सहित कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है यह गिरफ्तारी काली माता मंदिर के पास हुई है।
युवा मोर्चा के कार्यकर्ता सीएम हाउस का घेराव करने का एक दिन पहले ही ऐलान कर चुके थे।वहीं युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या खासतौर पर इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने रायपुर पहुंचे हैं। सप्रे स्कूल के पास आयोजित सभा में भाजपा के तमाम बड़े नेता मंच पर दिखें। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव, नारायण चंदेल, तेजस्वी सूर्या, समेत बीजेपी कई बड़े नेता शामिल रहे। युवा मोर्चा के कार्यकर्ता अब सीएम हाउस की तरफ बढ़ रहे थे, जिन्हे रोकने के लिए पुलिस ने बेरीकेड्स भी बना रखे थे लेकिन कार्यकर्ताओं ने कई बेरिकेट्स को तोड़ दिया। इसके बाद कार्यकर्ताओं की पुलिस से झूमाझटकी भी हुई।
बता दें कि साल 2021 के CGPSC स्टेट सर्विस एग्जाम के रिजल्ट के बाद से मामला गरमाया। इसमें कुछ कांग्रेस नेता और अधिकारियों के बेटे-बेटियां दामाद टॉपर बने। खुद PSC चीफ टामन सोनवानी के रिश्तेदारों के सिलेक्शन हुए। भाजपा ने पुरजोर तरीके से मामला उठाया। हालांकि इस पूरे विवाद पर PSC की ओर से यही कहा गया कि भर्ती नियमों के आधार पर हुई, कैंडिडेट अपने एग्जाम की तैयारी में ध्यान लगाएं।
वहीं इस मामले कांग्रेस के मीडिया विभाग की पीसी भी रखी गई थी, जिसमें कहा गया कि सीजीपीएससी के परिणाम में किसी प्रकार की अनियमिता नहीं हुई, किसी अभ्यर्थी ने अब तक शिकायत नहीं की है। भाजपा का विरोध भी असफल रहा इसमें कुल 400 से 500 लोग ही शामिल हुए। साथ ही यह भी कहा गया कि बीजेपी के कार्यकाल में कुल 15 साल में नौ परीक्षाएं आयोजित की गईं, लेकिन कांग्रेस सरकार में हर साल एग्जाम होे रहे हैं और परिणाम भी सामने आ रहे हैं।