RAIPUR. राजधानी रायपुर में आज जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद महाराज का प्राकट्य महोत्सव मनाया गया । इस अवसर पर हिंदू सनातम धर्म त्याग कर ईसाई धर्म अपनाने वाले तीन परिवारों की चंदन और अबीर लगाकार धर्म वापसी कराई गई। इस अवसर पर आयोजित धर्मसभा में मंच से एक बार फिर धर्मांतरण और हिंदू राष्ट्र का मुद्दा जोर से उठा। कांग्रेस विधायक अनिता शर्मा ने भी मंच से हिंदू राष्ट्र का संकल्प लेने की बात कह डाली।
रायपुर में आज एक बार फिर से हिंदू राष्ट्र निर्माण को लेकर जोर शोर से मांग उठी। पूरी पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद महाराज के 81वें प्राकट्य महोत्सव में धर्म सभा का आयोजन किया गया। इस सभा को संबोधित करते हुए स्वामी श्री निश्चलानंद महाराज ने कहा कि राजनेता साथ दें या न दें। वे भारत को हिंदू राष्ट्र और एशिया को हिंदू महाद्वीप बनाकर रहेंगे। उन्होने धर्मांतरण को लेकर चिंता जाहिर करते हुए नेताओं को धर्म पर राजनीति नहीं करने की चेतावनी दी। इस धर्मसभा के दौरान हिंदू धर्म त्याग कर ईसाई धर्म अपनाने वाले लगभग 3 तीन परिवारों के 10 सदस्यों की हिंदू सनातन धर्म में वापसी कराई गई। स्वामी श्री निश्चलानंद महाराज के समाने सभी की चंदन और अबीर से तिलक लगातार धर्म वापसी कराई गई। इस धर्म सभा में राजनीति से जुड़े लोग भी शामिल हुए। बीजेपी से पूर्व सीएम रमन सिंह, राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय, महिला मोर्चा की भावना बोहरा शामिल हुई, तो वहीं कांग्रेस से कैबिनेट मंत्री जय सिंह अग्रवाल, विधायक अनिता शर्मा, महंत राम सुंदर दास शामिल हुए। रमन सिंह ने कहा की आज छत्तीसगढ़ धर्मांतरण के कुचक्र से प्रताड़ित है। वहीं कांग्रेस विधायक अनिता शर्मा ने भी मंच से हिंदू राष्ट्र का संकल्प लेने की बात कह डाली।
इस धर्म सभा से पहले बड़ी कलश यात्रा निकाली गई। इसमें 11000 से अधिक महिलाएं शामिल हुए। इस प्रकाट्य महोत्सव का आयोजन करने वाले समाज सेवी बसंत अग्रवाल के मुताबिक कई और परिवाह के लोग उनके संपर्क में है जो हिंदू धर्म को छोड़कर दूसरे धर्म को मानने लगे थे..लेकिन अब वे वापस हिंदू धर्म में आना चाह रहे है। वहीं विधायक अनीता शर्मा के बयान पर कांग्रेस की सफाई भी आ गई है। संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विचार हो सकता है। किस संदर्भ में कहा है यह देखना होगा। कांग्रेस पार्टी का स्टैंड क्लियर है हम भारत के संविधान के साथ हैं। संवैधानिक व्यवस्था से न 1 इंच इधर ना उधर है। कांग्रेस पार्टी पूरी तरीके से लोकतांत्रिक पार्टी है। परस्पर विरोधी विमर्श का भी स्वागत करती है। अनीता शर्मा ने किस संदर्भ में बयान दिया उनसे पूछा जाएगा।
इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है। लिहाजा भाजपा हो या कांग्रेस कोई भी लोगों से जुडने का मौका नही छोड़ना चाहता। शुक्रवार को आयोजित धर्मसभा में ये देखने को भी मिला। भाजपा ने जहां शुरु से खुद को हिंदुत्व को जोड़कर रखा है। वहीं कांग्रेस भी अब धीरे धीरे हिंदुत्व की बात करने लगी है। आने वाले समय में एसे कई और मौके देखने को मिलेंगे..जब दोनो पार्टी के नेता एक ही मंच साझा करेंगे।