INDORE. वट सावित्री व्रत 19 मई 2023 को रखा जाएगा। पति की लंबी आयु, सौभाग्यवती होने और पुत्र प्राप्ति के लिए किए जाने वाले इस व्रत में बड़ी सावधानी रखने की जरूरत होती है। इस व्रत में कुछ गलतियों महिलाओं के अखंड सौभाग्य के लिए अशुभ मानी जाती हैं। इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि किन बातों का ध्यान सुहागिन महिलाओं को रखना चाहिए।
वट सावित्री व्रत के दिन महिलाओं को देर तक न सोना नहीं चाहिए। व्रत का दिन भजन-कीर्तन करना चाहिए और भगवान का ध्यान करते हुए पूरा दिन बिताना चाहिए। इस दिन सोलह श्रृंगार कर सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं।
शृंगार करते समय महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे काले, नीले और सफेद रंग के वस्त्र और चूड़ियां को पहनने से बचें। दरअसल, काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक होता है। इसलिए किसी भी पूजा में काला रंग पहनने से मना किया जाता है। विशेषतौर पर सुहाग के लिए की जाने वाली पूजा में काला रंग नहीं पहनना चाहिए।
शादी के बाद पहली बार इस व्रत को ससुराल की जगह मायके में करना चाहिए। सुहाग की सामग्री आदि भी मायके की ही प्रयोग करनी चाहिए। वट सावित्री पूजा में वट वक्ष पर कच्चा सूत बांधा जाता है। इस दौरान महिलाएं वृक्ष की परिक्रमा करती हैं। मगर, एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि परिक्रमा करते हुए आपका पैर किसी दूसरे के न लगे। शास्त्रों के अनुसार, ऐसा होने पर परिक्रमा खंडित मानी जाती है और उसका फल नहीं मिलता।
हिंदू धर्म में कथा का विशेष महत्व है। इसलिए वट सावित्री व्रत में कथा को सुनना चाहिए। इस दौरान बीच में नहीं उठना चाहिए और न ही कथा को अधूरा छोड़ना चाहिए। कहते हैं इससे पूजा व्यर्थ हो जाती है और उसका फल भी नहीं मिलता है।