RAIPUR. छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव की तर्ज पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है । आगामी विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ से भारतीय जनता पार्टी सभी नए चेहरों को मैदान में उतारने की तैयारी में है। चर्चा तो ऐसी है कि कुछ विधायकों को भी बदला जा सकता है। इस स्थिति में भी बहुत विधायक, पूर्व और हारे हुए दावेदार अपने-अपने क्षेत्रों में जनसंपर्क में लग गए हैं। इसे लेकर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि चुनाव का समय है कार्यकर्ता जनसंपर्क कर रहे हैं। वहीं इस पर चुटकी लेते हुए कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा में टिकट का पता नहीं है और दावेदार आपस में उलझ रहें हैं।
बता दें कि पिछले पखवाड़े भर से पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और राजेश मूणत अपने-अपने क्षेत्रों में सघन जनसंपर्क अभियान में लगे हुए हैं। वही रायपुर ग्रामीण से टिकट के दावेदार राजीव अग्रवाल ने वॉलराइटिंग के जरिए अपना प्रचार शुरू दिया है । रायपुर दक्षिण के प्रमुख दावेदार केदार गुप्ता और संजय श्रीवास्तव की वॉल राइटिंग भी कई जगह नजर आ रही है । रायपुर उत्तर के पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी भी अपनी दावेदारी पक्की मांग कर जनसंपर्क कर रहे हैं। जबकि पार्टी ने अभी तक किसी की भी टिकट फाइनल नहीं की है । भारतीय जनता पार्टी के नेता फिलहाल इस बारे में खुलकर बोलने से बच रहे हैं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में इसी साल नवंबर माह में विधानसभा चुनाव होना है। इसे लेकर दोनों पार्टियों ने पूरी टीम को तैयार कर दिया है और अब पूरी तरह से जनसंपर्क के माध्यम से लोगों को अपने समर्थकों से मिल रहे हैं। चुनाव को लेकर दोनो ही पाटियों के नेता कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके तरह तरह की रणनीतियां भी बना रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए कुछ ही महीने शेष रह गए हैं। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के पदाधिकारी चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं और अपने कार्यकर्ताओं की बैठक लेने के साथ गांव गांव का दौरा भी कर रहे हैं। वहीं इस चुनाव में एक बार फिर से अपना भाग्य आजमाने के लिए बीजेपी के पुराने प्रत्याशी और कांग्रेस के सभी वर्तमान विधायक भी अपने-अपने विधानसभा में सक्रिय हो गए हैं।
बस्तर संभाग के एकमात्र सामान्य सीट जगदलपुर विधानसभा के साथ ही आदिवासियो के लिए आरक्षित सभी 11 विधानसभा सीटों में भी बीजेपी के पुराने प्रत्याशी अभी से दावेदारी के लिए अपनी-अपनी तैयारी में जुट गए हैं। बीजेपी के इन पुराने प्रत्याशियों का कहना है कि साल 2018 विधानसभा चुनाव में एंटी- इनकंबेंसी की वजह से उन्हें चुनाव में हार मिली थी। संभाग के 12 के 12 सीटों में कांग्रेस को जीत मिली थी, लेकिन इस चुनाव में ऐसा नहीं होगा अगर पार्टी उन्हें टिकट देती है तो इस चुनाव में जरूर उन्हें जीत मिलेगी।