RAIPUR. विधानसभा चुनाव के समय एक बार फिर से छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित झीरम कांड का जिन्न बाहर आ गया है। इसको लेकर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर से गरमा गई है। भाजपा ने झीरम के मामले में एक बार फिर मुख्यमंत्री और कांग्रेस को घेरते हुए सवाल किया है कि जेब में सबूत रखने की बात करने वाले साढ़े चार साल में इस कांड के दोषियों पर कार्यवाही क्यों नहीं कर पाए ? भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत ने तो कांग्रेस पर इस मामले में राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि झीरम के शहीदों के याद में बनाएं स्मारक में भी भ्रष्टाचार किया गया है जिसकी पोल खुल रही है।
इधर कांग्रेस 25 मई को झीरम के शहीदों को याद करते हुए श्रद्धांजलि दिवस मनाने जा रही है। उन्होंने इस मामले में भाजपा कि केंद्र सरकार पर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है। 25 मई को झीरम श्रद्धांजलि दिवस मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमने घटना की जांच के लिए SIT गठित की है। SIT के खिलाफ BJP नेता कोर्ट गए हैं। हमें घटना की जांच करने से रोका जा रहा है। तत्कालीन सत्ता के शीर्ष पर रहे लोगों से पूछताछ की देरी है उसके बाद घटना का खुलासा हो जाएगा।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने झीरम घाटी में बड़े कांग्रेस नेताओं के नरसंहार की याद में 25 मई को झीरम श्रद्धांजलि दिवस मनाने का फैसला किया है। इस दौरान प्रदेश के सभी शासकीय और अर्धशासकीय कार्यालयों में झीरम घाटी में शहीद हुए जनप्रतिनिधियों, सुरक्षाबल के जवानों तथा नक्सल हिंसा में शहीदों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी जाएगी। सामान्य प्रशासन विभाग से जारी आदेश के मुताबिक श्रद्धांजलि कार्यक्रम में अधिकारियों-कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ को पुनः शांति का टापू बनाने के लिए शपथ दिलाई जाएगी। श्रद्धांजलि कार्यक्रम सरकारी तौर पर होंगे, इसलिए सभी विभागों और कलेक्टरों को इस आशय का पत्र भेज दिया गया है।