TIRANDAJ.COM . इन दिनों लोगों को तरह- तरह की बिमारियों ने घेर रखा है। इन सब का कारण हमारी बिगड़ती लाइफस्टाइल और खानपान के प्रति लापरवाही है। यहीं कारण है की लोग लगातार डायबिटीज, बीपी जैसी कई बीमारियों का शिकार हो रहे है। अस्थमा भी इन्हीं बीमारियों में से एक है। ऐसे में इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से हर साल मई के पहले मंगलवार को विश्व स्तर पर विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है।वर्ल्ड अस्थमा डे का उद्देश्य
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार अस्थमा एक दीर्घकालिक बीमारी है, जो बच्चों और जवान दोनों को प्रभावित कर सकती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के एयरवेज सिकुड़ जाते हैं, जिसके कारण इनमें सूजन आने लगती है। जिसके बाद इससे पीड़ित लोगों को खांसी, घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ और सीने में जकड़न का आभाष हो सकता है। ऐसे में इस बीमारी की तरफ लोगों का ध्यान केंद्रित करने के लिए वर्ल्ड अस्थमा डे मनाया जाता है।
वर्ल्ड अस्थमा डे की थीम
अस्थमा एक ऐसी बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं है। इसे सांस की दवाओं से ही नियंत्रित किया जा सकता है, ताकि अस्थमा से पीड़ित लोग सामान्य जीवन जी पाए। वहीं, बात करें विश्व अस्थमा दिवस की थीम की, तो हर साल की तरह इस बार भी वर्ल्ड अस्थमा डे के लिए थीम तय की गई है। साल 2023 की थीम “सभी के लिए अस्थमा देखभाल” (Asthma Care for All) तय की गई है।
ऐसे पाए अस्थमा पर काबू – डॉक्टर
स्पर्श हॉस्पिटल के रेस्पिरेट्री मेडिसिन डिपार्टमेंट के MD डॉ. तिलेश खुशरो ने बताया कि अस्थमा का इलाज डॉक्टर से कराएं। इलाज के साथ ही इसके बढ़ने के कारणों से बचें, साथ ही इस पर काबू पाने के लिए उसके कारणों के विपरीत आचरण करें। जैसे धूम्रपान न करें, कोई कर रहा हो, तो उससे दूर रहें, थकान का काम न करें, ठंड से एवं ठंडे पेय लेने से बचें, साँस फूलने लगे ऐसा श्रम न करें। उन्होंने बताया कि दमा रोगी को ऐसी दवाइयां दी जाती हैं, जो श्वसन क्रिया को आसान बनाती हैं। इनहेलर्स का प्रयोग आजकल दमा रोग में किया जाता है। ये श्वसन तंत्र की सूजन को कम करते हैंं। इससे रोगी को तुरंत आराम मिलता है।