MANEDRAGARH. प्रदेश भर के तमाम जिला मुख्यालयों में राज्य भर के पटवारी हड़ताल कर रहे हैं। 15 मई से अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर सभी पटवारी हड़ताल कर रहे। 12 दिन बाद भी राज्य सरकार की ओर से कोई सुनवाई नहीं हुई तो अब वे लोग भगवान की शरण में जा रहे हैं और अपनी मांगों की अर्जी लगाकर प्रार्थना कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार मनेन्द्रगढ़ में भी रोजाना तहसील आफिस के पास पटवारी धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान आज राजस्व पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भागवत कश्यप धरना स्थल में पहुँचे और अपनी बात रखी। इसके बाद पटवारियों के साथ मनेन्द्रगढ़ के करीब ऊंची पहाड़ी पर स्थित सिद्धबाबा सरकार की शरण में गए। पटवारियों ने यहां भोलेनाथ का जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की और पूजा करने के बाद उनकी दरबार में अपनी मांगों को लेकर अर्जी लगाई गई और उसे पूरा करने का निवेदन किया गया ।
वहीं, पटवारियों को विश्वास है कि सिद्धबाबा सभी कार्यो को सिद्ध करते हैं और उनकी मांगों को लेकर भी सरकार को सद्बुद्धि देंगे। छत्तीसगढ़ पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भागवत कश्यप ने बताया कि क़रीब दो साल पहले पटवारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर गए थे। तब राजस्व विभाग के आश्वासन पर हड़ताल समाप्त कर दी गई थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसलिए एक बार फिर प्रदेश भर के पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पटवारियों के मुख्यालय में रहने की बाध्यता है और ऑनलाइन काम करना है तो जहां हल्के बीहड़ में इंटरनेट नहीं है, वहां ऑनलाइन काम कैसे होगा। उन्होंने बताया कि वेतन विसंगति, वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति, बिना विभागीय जांच के एफआईआर समेत अन्य मांग के लेकर ये हड़ताल है, उम्मीद है कि मांग पूरी होगी क्योंकि सभी मांग ज़रूरी आवश्यकता से जुड़ी हैं।
ये हैं पटवारियों की आठ मांगें
- वेतन विसंगति को दूर कर वेतन में बढ़ोत्तरी की जाए.
- वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन किया जाए. राजस्व निरीक्षक के कुल पदों मे 50% पर पटवारियों के वरिष्ठता के आधार पर और 50% पदों पर विभागीय परीक्षा के आधार पर प्रमोशन किया जाए. साथ ही 5 वर्ष पूर्ण कर चुके पटवारियों को राजस्व निरीक्षक का प्रशिक्षण दिलाया जाए.
- संसाधन और भत्ते की मांग.
- स्टेशनरी भत्ते की मांग
- अतिरिक्त प्रभार के हल्के का भत्ता की मांग
- पटवारी भर्ती के लिए योग्यता स्नातक करने की मांग
- मुख्यालय निवास की बाध्यता समाप्त की जाए.
- बिना विभागीय जांच के एफआईआर दर्ज ना किया जाए