SUKMA. बस्तर के नक्सल इलाकों से बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, नक्सलियों की बटालियन में लांचर व लांचर के सेल बनाने का एक्सपर्ट नक्सलियों के कमांडर की मौत हो गई है। ताड़मेटला, उर्पलमेटा, तोंगगुड़ा और भट्टिगुड़ा जैसे बड़े हमलों में शामिल नक्सली कमांडर बसंत उर्फ सोमलू उर्फ रवि की मौत हो गई है।
इसकी जानकारी माओवादियों के दक्षिण सब जोनल की प्रवक्ता समता ने प्रेस नोट जारी कर दी है। प्रेस नोट में बताया गया कि गंभीर बीमारी के चलते 3 मई को नक्सलियों के मेडिकल कैंप में नक्सली कमांडर की मौत हुई थी। सोमलू वह बीते 26 वर्षों से नक्सलियों के संगठन में सक्रिय था।
बसंत ऊर्फ सोमलू बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के कोरचोली का रहने वाला था. साल 1997 में वो नक्सल संगठन से जुड़ा और लगातार सक्रिय रहा। सोमलु नक्सलियों की बटालियन नम्बर एक का प्रमुख हिड़मा के टेक्निकल टीम का प्रमुख था। माओवादियों के बटालियन में सीवाईपीसी और बीएनपीसी मेंबर के रूप में बसंत काम करता था. नक्सलियों के हथियार कारखाना का प्रभारी भी था। संगठन में 26 साल रहने के दौरान इसने हथियार,गोलाबारूद और बम बनाकर पीएलजीए को मजबूत बनाया। बसंत की मौत को नक्सलियों ने संगठन के लिए बड़ा नुकसान बताया है।