BHILAI. कर्नाटक में कांग्रेस की बजरंग दल जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की चुनावी घोषणापत्र के बाद छत्तीसगढ़ समेत देशभर में बयानबाजी तेज हो गई है। एक तरफ कांग्रेस इसका समर्थन कर रही है तो दूसरी तरफ बीजेपी इसका विरोध कर बजरंगबली का अपमान बता रही है। इस बीच ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का भी बयान सामने आया है।
दरअसल, ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती एक दिवसीय दौरे पर भिलाई पहुंचे और मीडिया से चर्चा की। इस दौरान उनसे बजरंग दल के बैन को लेकर सवाल किया तो स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि जो लोग बैन करने की बात कर रहे हैं, वह भी राजनीति कर रहे हैं, जो बचाने की बात कर रहे हैं वो भी राजनीति कर रहे हैं। शंकराचार्य ने कहा कि धर्म एक फुटबॉल हो गया है। कोई इधर से किक मार रहा है, कोई उधर से किक मार रहा है।
मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि बजरंग दल एक संस्था का नाम है। किसी संस्था का नाम होने से वह बजरंगबली नहीं हो जाता है। संस्था जैसा आचरण करेगी, वैसे ही उसकी छवि होगी। बजरंग दल के लोगों जैसा काम किया होगा, उसी के आधार पर उनकी समाज में छवि है। उन्होंने कहा कि बजरंग दल नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिए कार्य करने की बात करता है, लेकिन व्यापक परिपेक्ष में उसका अभी तक कोई काम नहीं दिखाई दिया है।
जब राम जन्मभूमि का आंदोलन चला, तब गांव-गांव में गठित हुआ था बजरंग दल
चर्चा के दौरान शंकराचार्य ने कहा कि जब राम जन्मभूमि का आंदोलन चल रहा था, तब गांव-गांव में बजरंग दल गठित हुआ था। विनय कटियार उसके अध्यक्ष थे। हम यह पूछना चाहते हैं अगर बजरंग दल ने राम जन्मभूमि के लिए बहुत बड़ा काम किया था आवाज उठाई थी तो जब राम मंदिर बनने लगा तो विनय कटियार की उपेक्षा क्यों हो रही है। इसका मतलब यह है कि जो लोग राम मंदिर बना रहे है, उन्हीं लोगों ने उनके योगदान को नकार दिया है।