RAIPUR. नई कार खरीदने पर कंपनियां कुछ साल का वारंटी देती हैं। कुछ एक्ट्रा चार्ज देकर भी वारंटी के समय को बढ़वाया जा सकता है। इसका फायदा यह होता है कि वारंटी पीरियड के अंदर गाड़ी के खराब होने पर उसे ग्राहक बिना पैसे खर्च किए सुधरवा सकते हैं। गाड़ियों की सर्विसिंग डीलर के सर्विस सेंटर पर फ्री में की जाती है और आप भारी-भरकम खर्च को उठाने से बच जाते हैं।
मगर, इसके लिए कंपनियों की कुछ शर्तें होती हैं, जिनका पालन नहीं करने पर वारंटी को खत्म मान लिया जाता है। लिहाजा, यह जानना जरूरी है कि आपको क्या काम नहीं करने हैं, ताकि आपकी कार की वारंटी बनी रहे और कोई समस्या आने पर आपको अपनी जेब से पैसे नहीं खर्च करने पड़ें।
बाहर न करवाएं सर्विसिंग
सबसे पहली बात तो यह नोट कर लें कि जब तक कार वारंटी पीरियड के अंदर चल रही है, तब तक कार की सर्विस हमेशा ऑथराइज सर्विस सेंटर से ही करवाएं। बाहर से सर्विस करवाने पर हो सकता है कि आपको कुछ रुपये की बचत हो जाए। मगर, इससे वारंटी खत्म हो जाती है और कोई बड़ी गड़बड़ी आने पर कंपनी काम करने से मना कर सकती है। अगर सफर के दौरान कार खराब हो जाए, तो आप रोड साइड असिस्टेंस की मदद ले सकते हैं। इससे वारंटी बच जाती है।
इंजन से छेड़छाड़ तो बिल्कुल न करें
कार के इंजन को बेहतर बनाने के लिए कुछ लोग बूस्टर या टर्बो चार्जर लगवा लेते हैं। इंजन में छोटे-मोटे बदलाव का भी बड़ा असर पड़ता है, जो जांच के समय कंपनी पता लगा लेती है। ऐसी स्थिति में भी कंपनी वारंटी को खत्म कर देती है।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को न बदलें
कार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से छेड़छाड़ या एक्स्ट्रा डिवाइस लगाने के लिए वायर में की गई कटिंग से भी वारंटी खत्म हो सकती है। वारंटी पीरियड में कार के ऐसी, स्पीकर, इंफोटेनमेंट सिस्टम, लाइट, वायरलेस सिस्टम आदि में कोई बदलाव नहीं करने चाहिए। साथ ही कार के सनरूफ, सीट, हेडलाइट या टेललाइट में मॉडिफिकेशन से भी कार की वारंटी समाप्त हो सकती है। कंपनी के बताए गए टायर साइज का इस्तेमाल नहीं करने पर भी वारंटी खत्म हो जाती है।