NEW DELHI. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे पहलवानों से शनिवार को मुलाकात की और उनके प्रति समर्थन जताया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सिंह को बचा रही है. कांग्रेस महासचिव ने यह भी कहा कि सबसे पहले सिंह को उनके पद से हटाया जाना चाहिए. प्रियंका कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के वास्ते रवाना होने से पहले शनिवार सुबह जंतर-मंतर पहुंचीं. उन्होंने महिला पहलवानों से अलग बातचीत भी की और कुछ देर वहां बैठीं. इस दौरान, राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा भी उनके साथ थे.
प्रियंका ने संवाददाताओं से कहा, ‘जब ये लड़कियां देश के लिए पदक जीतती हैं, तो सभी लोग उनकी तारीफ करते हैं, देश के लिए गौरव बताते हैं, लेकिन आज जब धरने पर बैठी हुई हैं, तो कोई सुनने को तैयार नहीं है.’ उन्होंने कहा कि पहले बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद से हटाया जाए, क्योंकि पद पर रहते हुए वह शक्ति का दुरुपयोग और पहलवानों का करियर बर्बाद करते रहेंगे. प्रियंका ने सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि वह सिंह को क्यों बचा रही है? उन्होंने कहा, ‘इन लड़कियों ने अपने देश और प्रदेश के लिए इतना कुछ किया है…. जब ये पदक जीतकर आई थीं, तो प्रधानमंत्री ने इन्हें बुलाया था, लेकिन अब क्यों नहीं मिल रहे?’
एक सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कोई उम्मीद नहीं है. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जब भी महिलाओं के खिलाफ शोषण की बात आती है, तो सरकार मौन हो जाती है. उन्होंने कहा कि देश की सभी महिलाओं को इन महिला पहलवानों के साथ खड़ा होना चाहिए, ताकि कार्रवाई हो. प्रियंका ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज दोनों प्राथमिकी में क्या है, यह किसी को नहीं पता. उन्होंने सवाल किया कि प्राथमिकी इन पहलवानों को क्यों नहीं दिखाई गई?
उल्लेखनीय है कि महिला पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को दो प्राथमिकी दर्ज कीं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि महिला पहलवानों की शिकायत पर कनॉट प्लेस थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. उन्होंने कहा था कि पहली प्राथमिकी एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है, जिसके तहत यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम समेत भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.