AHMEDABAD. सुपर संडे मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स के 25 वर्षीय बल्लेबाज रिंकू सिंह ने अंतिम ओवर में लगातार गेंदों पर पांच छक्के लगाकर अपनी टीम के लिए एक असंभव जीत दर्ज की. अंतिम ओवर में पांच गेंद शेष रहने पर कोलकाता नाइट राइडर्स को जीत के लिए 28 रनों की आवश्यकता थी. हर गेंद पर चौके से भी जीत संभव नहीं थी. यह अलग बात है कि आईपीएल के अपने स्टाइल फॉर्मेट में रिंकू सिंह ने लगातार पांच छक्के लगाकर अपनी टीम के लिए एक यादगार जीत दर्ज की. उनके शानदार आक्रमण ने टीम के साथी वेंकटेश अय्यर को उन्हें लॉर्ड रिंकू कहने के लिए प्रेरित किया.
गौरतलब है कि एक बार अपने निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार की मामूली कमाई को देख रिंकू सिंह ने एक समय क्रिकेट के बारे में सोचना भी छोड़ दिया था. हालांकि सफाई कर्मचारी के रूप में मिली नौकरी कुछ दिन करने के बाद वह अपने प्यार क्रिकेट की तरफ वापस लौट आए. रिंकू सिंह अलीगढ़, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. उनके पिता खानचंद्र सिंह एक एलपीजी वितरण कंपनी में काम करते थे. रिंकू ने अपने शुरुआती साल अपने माता-पिता और चार भाई-बहनों के साथ अलीगढ़ स्टेडियम के पास दो कमरों के क्वार्टर में बिताए. इसके बाद वह उत्तर प्रदेश की जूनियर टीम शामिल हुए. यहां उनके प्रदर्शन से उनका चयन रणजी टीम के लिए हो गया. 2018-19 रणजी ट्रॉफी के ग्रुप चरणों में नौ मैचों में 803 रन बनाकर यूपी के लिए अग्रणी रन-स्कोरर बने थे रिंकू सिंह.
रिंकू सिंह को पहली बार आईपीएल 2017 के लिए किंग्स इलेवन पंजाब ने चुना था और अगले वर्ष केकेआर ने 80 लाख की डील में हासिल कर लिया. हालांकि वह घुटने की चोट के कारण आईपीएल के तीन सत्रों में केवल 10 मैच खेल सके. इसके बावजूद केकेआर द्वारा 2022 की नीलामी में एक बार फिर से चुना गया. 2022 के पूरे आईपीएल सत्र के मैचों में रिंकू सिंह ने धुंधाधार बल्लेबाजी की. इस वजह से केकेआर ने उन्हें अपने फाइनल स्कवॉड का हिस्सा ही बना लिया. जाहिर है रविवार को अहमदाबाद में खेले गए मैच में रिंकू सिंह ने उस विश्वास के अनुरूप जीत दिलाई.
कल के मैच में रिंकू सिंह ने 21 गेंदों में नाबाद 48 रन बनाकर मैच की अंतिम पांच गेंदों में पांच छक्के लगाकर कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए एक यादगार जीत दर्ज की. सनसनीखेज बल्लेबाजी जाहिर तौर पर अब रिंकू सिंह को भारत की व्हाइट-बॉल टीमों में से एक में जगह बनाने की दावेदारी पुख्ता करेगा. रिंकू सिंह सुर्खियों में बीते साल आए थे, जब उन्होंने केकेआर के लिए सिर्फ 15 गेंदों में 40 रन बनाए थे.