KOLKATA. कोलकाता इतिहास रचे जाने का गवाह बना, जब कोलकाता मेट्रो के रेक ने मध्य कोलकाता में एस्प्लेनेड को प्रतिष्ठित हावड़ा स्टेशन से जोड़ने वाले मार्ग में हुगली नदी के पानी के नीचे सुरंग के जरिए एक सफल परीक्षण किया.
ट्रायल रन के दौरान कोलकाता मेट्रो के केवल वरिष्ठ अधिकारी और चुनिंदा इंजीनियर ही ट्रेन में सवार थे. ऐसा देश के इतिहास में पहली बार हुआ.
इस घटना को शहर के लिए ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कोलकाता मेट्रो के महाप्रबंधक पी. उदय कुमार रेड्डी ने कहा कि यह तो बस शुरुआत है और इस रूट पर नियमित अंडरवाटर ट्रायल जल्द ही शुरू होगा. रेड्डी, जिन्होंने इस यात्रा को क्रांतिकारी के रूप में वर्णित किया, पहले ट्रायल रन का हिस्सा थे.उन्होंने महाकरण स्टेशन से हावड़ा मैदान स्टेशन तक यात्रा की.
रेड्डी के मुताबिक, अगले सात महीने तक इस रूट पर नियमित ट्रायल रन किया जाएगा. उन्होंने कहा, इसके तुरंत बाद आम जनता के लिए नियमित सेवाएं शुरू हो जाएंगी. हावड़ा से एस्प्लेनेड तक का मार्ग लगभग 4.8 किमी लंबा है, जिसमें से 520 मीटर हुगली नदी के नीचे सुरंग के जरिए होगा. सुरंग पानी की सतह के स्तर से 32 मीटर नीचे है.
नदी की नीचे मेट्रो के लिए दो सुरंगे बनाई गई हैं. यह ईस्ट-वेस्ट मेट्रो का प्रमुख आकर्षण है. यात्रियों के लिए, यह अलग अनुभव होगा क्योंकि वे एक मिनट से भी कम समय में लगभग आधा किलोमीटर तक पानी के नीचे से गुजरेंगे. चैनल टनल से गुजरने वाली लंदन और पेरिस के बीच यूरोस्टार ट्रेनों की तरह ही कोलकाता में मेट्रो की इन सुरंगों को बनाया गया है.