AHMADABAD. मोदी सरनेम मामले में सजा पर रोक लगाने से सूरत कोर्ट के इंकार करने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात हाई कोर्ट में याचिका लगाई है जिस पर अब एक नए जज शनिवार को सुनवाई करेंगे. न्यायमूर्ति गीता गोपी जिन्हें पहले इस मामले की सुनवाई करनी थी ने 26 अप्रैल को इस केस से खुद को अलग कर लिया था. अब न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक शनिवार को इस मामले की सुनवाई करेंगे.
23 मार्च को सूरत मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी की 2019 में दायर याचिका पर राहुल गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाई थी. फैसले के बाद राहुल गांधी को सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को राहुल गांधी ने सूरत की सत्र अदालत में चुनौती दी, लेकिन कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत देते हुए सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
गौरतलब है कि 3 अप्रैल को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने फैसले के खिलाफ गुरजात सत्र अदालत के समक्ष अपील दायर की और बाद में उनकी याचिका के निस्तारण तक उन्हें जमानत दे दी गई. 20 अप्रैल को अदालत ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया. इसके बाद राहुल गांधी ने उच्च न्यायालय में सजा स्थगित करने के लिए अपील दायर की थी. राहुल गांधी के खिलाफ अप्रैल 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान की गई उनकी टिप्पणी के लिए आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज किया गया था. राहुल गांधी ने कहा था, सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे हो सकता है?
कानून के तहत दोषसिद्धी की सजा और उसके साथ ही दो साल की जेल राहुल गांधी को आठ साल की अवधि के लिए संसद के किसी भी सदन में प्रवेश करने के लिए अयोग्य बनाती है. हालांकि इसे पलटा किया जा सकता है यदि उच्च न्यायालय द्वारा सजा को दो साल से कम कर दे तो. इसीलिए राहुल गांधी ने अब गुजरात हाई कोर्ट में अपील दायर की है. मामले के शिकायतकर्ता और भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूर्णेश मोदी ने उन्हें आदतन अपराधी करार दे हलफनामे में अपील को ‘बचकाने अहंकार का गंदा प्रदर्शन’ करार दिया था.