BILASPUR. नक्सलवाद और धर्मांतरण को लेकर दिए सीएम भूपेश बघेल के बयान पर पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि, सीएम को थोड़ा इतिहास पर नजर डाल लेना चाहिए। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद किस समय प्रवेश किया। अविभाजित मध्यप्रदेश में 1983- 84 से नक्सलियों की घटना बढ़ी। चरम पर नक्सली घटना थी लेकिन ये कार्रवाई नहीं करते थे। इसी वजह से अंदर ही अंदर नक्सलवाद बढ़ता रहा।
अमर अग्रवल पर सबसे पहले नक्सलवाद पर हाथ भाजपा सरकार ने डाला, जिससे घटनाएं जरूर बढ़ी और इसका प्रसव पीड़ा भी भाजपा ने सहा। लेकिन इसी से नक्सलियों का 90 प्रतिशत अवमूल्यन भी भाजपा सरकार के कारण हुआ। अभी भी नक्सली घटनाएं हो रही हैं लेकिन कांग्रेस नक्सलियों के खात्मे का श्रेय लूट रही है।
आगे उन्होंने कहा कि नक्सलियों के खात्मे का किसी को श्रेय मिलेगा तो वो 2023 में भाजपा सरकार को ही मिलेगा। आगे पूर्व मंत्री ने धर्मांतरण के सवाल पर पलटवार करते हुए कहा कि, सवाल चर्च कहां बने, किसके कार्यकाल में बनाए गए इसका नहीं है। धर्मांतरण अगर हो रहा है तो उसको रोकना भी सरकार का ही काम है।
इधर रायपुर में वहीं जनजाति सुरक्षा मंच की डी-लिस्टिंग रैली पर पर BJP नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कांग्रेस सरकार धर्मांतरण को बढ़ावा दे रही है। अपनी संस्कृति छोड़ने वालों का आरक्षण खत्म होने के सवाल के जवाब में पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा CM को फोबिया हो गया। हर विषय पर बोलते हैं, CM को लगता उनसे ज्यादा होशियार कोई नहीं । CM को अंतर्राष्ट्रीय विषय पर भी बोलना चाहिए।
बता दें कि सूबे के मुखिया सीएम भूपेश बघेल ने एक बार फिर भाजपा और पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, भाजपा के शासनकाल में नेता मंत्री कभी सड़क मार्ग से बस्तर नहीं जाते थे। आज बस्तर आप सड़क मार्ग से जा सकते हैं। भाजपा के समय केवल राष्ट्रीय राजमार्ग के 5 किलोमीटर के दायरे में ही सरकार थी।
बस्तर 15 साल तक नक्सलियों के कब्जे में रहा। हमारी सरकार ने उसको मुक्त कराया। पांच छह सौ से ज्यादा गांव हमने नक्सलियों से मुक्त कराया। नक्सलियों को पीछे धकेला। आगे उन्होंने कहा कि बस्तर क्षेत्र में सबसे ज्यादा यदि चर्च बने तो भारतीय जनता पार्टी के शासन में बने। पहले आदमी कोई धर्म स्वीकारता है फिर पूजा स्थल बनाता है। ऐसे में वहां अगर चर्च बना है, तो पहले वहां लोग क्रिश्चन बने हैं। 15 साल में भाजपा नेताओं ने जितना चर्च बनवाया उतना पहले कभी नहीं बना है।
आगे सीएम ने कहा कि डॉ रमन सिंह को कुछ नहीं आता है वह कुछ का कुछ बोलते रहते हैं। रमन सिंह को अपनी और अपनी पार्टी की चिंता करनी चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि आदिवासियों और आदीवासी नेताओं की दुर्गति रमन सिंह ने की। अब अकेले रेणुका सिंह बच गई हैं। रामविचार, नंदकुमार, विष्णु देव साय जैसे आदिवासी नेताओं को रमन सिंह और भाजपा ने पीछे धकेल दिया है।