PRAYAGRAJ. गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद ने कबूल किया है कि उसके पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से सीधे संबंध हैं. यूपी पुलिस ने यह बात दाखिल चार्जशीट में कही. चार्जशीट में अतीक के हवाले से कहा गया है, मेरे पास हथियारों की कोई कमी नहीं है, क्योंकि मेरे पाकिस्तान के आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से सीधे संबंध हैं. पाकिस्तान से हथियार ड्रोन की मदद से पंजाब की सीमा पर गिराए जाते हैं और स्थानीय आतंकवादी उन्हें इकट्ठा करते हैं. अगर आप मुझे अपने साथ ले जाते हैं, तो मैं उस पैसे, हथियार और घटना में इस्तेमाल किए गए गोला-बारूद को बरामद करने में आपकी मदद कर सकता हूं. हालांकि अतीक न्यायिक हिरासत के चलते अपने बेटे असद के जनाजे में शामिल नहीं हो सकेगा, जिसे यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को झांसी में हुई पुलिस मुठभेड़ में ढेर कर दिया था.
पुलिस की चार्जशीट से गैंगस्टर अतीक की मुश्किलें बढ़ना तय है, जिसका पूरा परिवार उसके गिरोह का सदस्य है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने गुरुवार को उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. दोनों की पुलिस हिरासत 13 अप्रैल को शाम 5 बजे से शुरू हुई और 17 अप्रैल को शाम 5 बजे तक रहेगी. अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को प्रयागराज के सीजेएम कोर्ट में लाया गया, यहां तक कि उमेश पाल हत्याकांड में वांछित अतीक अहमद के बेटे असद और उसके सहयोगी गुलाम को गुरुवार को झांसी में विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मुठभेड़ में मार गिराया. उनमें से प्रत्येक पर 5 लाख रुपये का इनाम था और पुलिस ने दावा किया कि विदेशी निर्मित हथियार बरामद किए गए हैं.
28 मार्च को अतीक अहमद को एक एमपी-एमएलए अदालत ने दोषी ठहराया और अब मृत उमेश पाल के अपहरण मामले में कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जेल में बंद गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद की कथित तौर पर मदद करने और उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने के आरोप में राष्ट्रीय राजधानी से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए तीनों लोगों की पहचान जावेद, खालिद और जीशान के रूप में हुई है. जांच के दौरान खालिद और जीशान ने खुलासा किया कि उन्होंने असद और गुलाम को शरण भी दी थी.
बहुजन समाज पार्टी के नेता राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो सशस्त्र सुरक्षा एस्कॉर्ट्स में से एक की 24 फरवरी को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उमेश और उनके बंदूकधारियों पर कई राउंड फायरिंग की गई और बम फेंके गए थे. इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अतीक अहमद को उनके बेटे असद के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उनकी पत्नी के परिवार के सदस्य शव पर दावा कर सकते हैं.