JANJGIR.जांजगीर-चाम्पा के पामगढ़ थाना क्षेत्र के धाराशिव गांव में प्रशासन ने एक बार फिर शादी रुकवाई है। अफसरों को जैसे ही नाबालिग लड़की की शादी होने की सूचना मिली, वैसे ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और बारात आने के पहले परिजन को समझाइश दी। इसके बाद बाल विवाह को रोका गया। यहां सेवई गांव से बारात आने वाली थी, उसके पहले ही अफसरों ने तत्परता दिखाकर शादी रुकवा दी। बता दें, 2 दिन पहले पामगढ़ ब्लॉक के मेंऊ गांव में नाबालिग लड़की की शादी रुकवाई गई थी और 15 दिन पहले बम्हनीडीह ब्लॉक के पुछेली गांव में बाल विवाह को रुकवाया गया था।
दरअसल, धाराशिव गांव में नाबालिग लड़की की शादी होने की महिला व बाल विकास विभाग के अफसरों को मिली, जिसके बाद टीम मौके पर पहुंची और पूछताछ की तो लड़की की उम्र 17 साल और लड़के की उम्र 19 साल निकली, जिसके बाद प्रशासन की टीम ने समझाइश देकर शादी रुकवाई। परिजन को बाल विवाह कानून और बाल विवाह के दुष्परिणाम से भी अवगत कराया गया।
इसके पहले जांजगीर-चाम्पा जिले में प्रशासन ने नाबालिग लड़की की शादी रुकवाई थी। पामगढ़ क्षेत्र के मेंऊ गांव में 14-15 साल की नाबालिग लड़की की शादी होने की सूचना के बाद प्रशासन की टीम पुलिस के साथ मौके पर पहुंची और परिजन को समझाइश दी है। प्रशासन को जानकारी तब हुई जब तक कि गांव में बारात पहुंच गई थी। समझाइश के बाद नाबालिग लड़की की शादी रोक दी गई है। दरअसल, महिला व बाल विकास विभाग, जिला बाल कल्याण अधिकारी की टीम पुलिस के साथ पहुंची और लड़की के बारे में परिजन से पूछताछ की तो उसकी उम्र 14-15 निकली। इसके बाद, परिजन को बाल विवाह कानून और उसके दुष्परिणाम के बारे में बताया गया। इसके बाद नाबालिग लड़की की शादी रोकी गई। मिली जानकारी के अनुसार यहां भुईगांव से बारात पहुंची थी।
वहीं 15 दिन पहले बम्हनीडीह ब्लॉक के पुछेली गांव में प्रशासन ने नाबालिग की शादी रुकवाई थी। जिले में इससे पहले भी कई नाबालिग लड़की की शादी रुकवाई जा चुकी है और कईयों नाबालिगों की जिंदगी बरबाद होने से बचाया गया है। बता दें कि बाल विवाह एक तरह का अपराध है जिसमें दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है।