Kochi. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारत की लोकतांत्रिक रीढ़ या संरचना बरकरार है. भले ही देश के भीतर और विदेशी धरती पर इसको लेकर कितनी ही अतार्किक राय व्यक्त की जाए. यह काल-खंड की परीक्षा में खरी उतरेगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तथ्य पवित्र हैं और राय स्वतंत्र है. हमारे महान देश की लोकतांत्रिक संरचना हमेशा वही रहेगी जो वह है. कोई फर्क नहीं पड़ता कि देश या विदेश में दी गईं कुछ राय कितनी ही निराधार और अतार्किक क्यों न हों. हमारा लोकतंत्र समय की कसौटी पर खरा उतरेगा.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा ब्रिटेन की अपनी हालिया यात्रा के दौरान भारत के लोकतंत्र और मीडिया की स्वतंत्रता पर लगाए गए आक्षेपों पर अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘इन दिनों लोकतंत्र शब्द सार्वजनिक चर्चा में बहुत उछाला जा रहा है. लोकतंत्र सिर्फ भारत ही नहीं स्वतंत्र विश्व में एक सम्मानित परंपरा है, लेकिन लोकतंत्र और संस्थानों को लगातार कमजोर करने की कोशिश करने वालों ने इसे अब फैशन स्टेटमेंट बना दिया है. लोकतंत्र का उल्लंघन करने वाले ही अब पीड़ित होने का नाटक कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हमें याद रखना चाहिए कि पश्चिमी देशों के विपरीत भारत में लोकतंत्र कोई कृत्रिम प्रत्यारोपण नहीं है. यह हमारे सभ्यतागत इतिहास का एक अभिन्न और अविनाशी हिस्सा है.’
नई तकनीकों का आगमन बाधाओं को तोड़ने का एक अनूठा अवसर प्रस्तुत करता है का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘पारदर्शिता की दीवारों के पीछे एल्गोरिदम कोड द्वारा चलाए जा रहे प्लेटफार्मों पर ‘डिजिटल उपनिवेशवाद’ का खतरा मंडरा रहा है.’ उन्होंने कहा,’ हमें नवाचार और आधुनिकता के नाम पर कुछ भी और सब कुछ स्वीकार नहीं करने के लिए सतर्क रहना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘विदेशी प्रकाशनों, कंपनियों और संगठनों में निहित भारत विरोधी पूर्वाग्रह और विकृत तथ्यों की पहचान की जानी चाहिए और उसे सामने लाया जाना चाहिए. जमीनी हकीकत को समझने वाले भारतीय मीडिया के लिए यही वह अवसर है जब उसे महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी.’
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर मलयालम दैनिक मातृभूमि के शताब्दी समारोह के समापन समारोह में एक सभा को संबोधित कर रहे थे. मीडिया से सतर्क रहने का आग्रह करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें जानबूझकर या अनजाने में ऐसी आवाज़ों और आख्यानों को अवसर देने से बचना चाहिए जो भारत की अखंडता को खतरे में डालने की क्षमता रखते हैं. हाल ही में केरल में एक प्रमुख समाचार संगठन के कार्यालयों और स्टूडियो में हुए हमले और तोड़फोड़ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘इस तरह के अपमानजनक हमले लोकतंत्र और इसकी संस्थाओं को कमजोर करते हैं.’ इस अवसर पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थिति थे.