NEW DELHI. देश में सोना बेचने के नियम में बदलाव होने जा रहा है। सोने की हॉलमार्किंग के नियम 1 अप्रैल, 2023 से बदलने वाले हैं। उपभोक्ता मंत्रालय के नए नियम के तहत एक अप्रैल से 6 डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग के बिना सोना नहीं बिकेगा। सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड को यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (HUID) कहते हैं। मंत्रालय का कहना है कि अब केवल 6 अंकों वाला हॉलमार्क की मान्य होगा।गोल्ड हॉलमार्किंग एक स्टैम्प है, जो उपभोक्ताओं को उनके द्वारा खरीदे जा रहे सोने के आभूषणों की शुद्धता बताती है। देशभर में सोने पर ट्रेड मार्क देने के लिए 940 सेंटर बनाए गए हैं। अब चार डिजिट वाली हॉलमार्किंग पूरी तरह बंद हो जाएगी। भारत में सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग की शुरुआत साल 2000 में हुई थी।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का कहना है कि वर्तमान में हर दिन 3 लाख से अधिक सोने की वस्तुओं को एचयूआईडी के साथ हॉलमार्क किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, देश भर के 339 जिलों में कम से कम एक हॉलमार्क जांच केंद्र है। हॉलमार्किंग को 2021 में 16 जून से स्वैच्छिक तौर पर लागू किया गया था। हालांकि, अब सरकार ने हॉलमार्किंग सिस्टम को अनिवार्य बनाने का फैसला किया।
सरकार ने पिछले साल 1 जुलाई से गोल्ड ज्वेलरी की हॉलमार्किंग के संकेतों में बदलाव करते हुए संकेतों की संख्या तीन कर दी है। पहला संकेत बीआईएस हॉलमार्क का तिकोना निशान होता है। दूसरा संकेत सोने की शुद्धता के बारे में बताता है। इससे पता चलता है कि गहना कितने कैरेट सोने से बना है। तीसरा संकेत छह डिजिट का एक अल्फान्यूमेरिक कोड होता है जिसे HUID नंबर कहा जाता है। इसे पहले फेज में 256 जिलों में लागू किया और बाद में 32 जिलों को और शामिल किया गया। सरकार ने 51 और जिलों में इसे लागू करने का फैसला लिया है। कई बार ज्वैलर्स कम कैरेट के आभूषणों पर ऊंची कैरेट की कीमतें वसूलते हैं। इसी को खत्म करने के लिये हॉलमार्किग को अनिवार्य किया गया है।