NEW DELHI.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अभी से चुनावी मोड में आ गए हैं. लोकसभा चुनाव में जीत के मद्देनजर उत्तर प्रदेश का महत्व समझते हुए वह अभी से सक्रिय हो गए हैं. इस कड़ी में पीएम मोदी 1780 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के लिए शुक्रवार को वाराणसी जाएंगे. सुबह करीब 10:30 बजे प्रधानमंत्री रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में वन वर्ल्ड टीबी समिट को संबोधित करेंगे. दोपहर करीब 12 बजे वह संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय मैदान में 1780 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करेंगे. प्रधानमंत्री विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर एक विश्व टीबी शिखर सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे. यह शिखर सम्मेलन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और स्टॉप टीबी पार्टनरशिप द्वारा आयोजित किया जा रहा है. 2001 में स्थापित स्टॉप टीबी पार्टनरशिप संयुक्त राष्ट्र द्वारा तैयार किया गया संगठन है, जो टीबी से प्रभावित लोगों, समुदायों और देशों की आवाज़ को आगे बढ़ाता है.
आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी टीबी-मुक्त पंचायत सरीखी पहल सहित विभिन्न कार्यक्रमों का शुभारंभ करेंगे. इस दौरान छोटे टीबी निवारक उपचार (टीपीटी) और टीबी के लिए परिवार केंद्रित देखभाल मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर भी लांच किया जाएगा. प्रधानमंत्री टीबी को समाप्त करने की दिशा में उल्लेखनीय काम करने वाले चुनिंदा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और जिलों को भी पुरस्कृत करेंगे. मार्च 2018 में नई दिल्ली में आयोजित एंड टीबी शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधान मंत्री ने निर्धारित समय से पांच साल पहले 2025 तक टीबी से संबंधित एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भारत का आह्वान किया था. इस कड़ी में वन वर्ल्ड टीबी सम्मेलन लक्ष्यों पर और विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करेगा, क्योंकि भारत अपने टीबी उन्मूलन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है. यह कार्यक्रम राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन प्रोग्राम से मिले सबक को प्रदर्शित करने का अवसर भी देगा. इस शिखर सम्मेलन में 30 से अधिक देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि पिछले नौ वर्षों में प्रधान मंत्री ने वाराणसी के परिदृश्य को बदलने और शहर और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन को आसान बनाने पर विशेष ध्यान दिया है. अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक पैसेंजर रोपवे का भी शिलान्यास करेंगे. परियोजना की लागत लगभग 645 करोड़ रुपये मानी जा रही है. रोपवे प्रणाली पांच स्टेशनों के साथ 3.75 किलोमीटर लंबी होगी. इससे पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और वाराणसी के निवासियों को आवागमन में आसानी होगी. प्रधानमंत्री 300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाले नमामि गंगा योजना के तहत भगवानपुर में 55 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की आधारशिला रखेंगे. खेलो इंडिया योजना के तहत पुनर्विकास कार्य के चरण 2 और 3 का शिलान्यास सिगरा स्टेडियम में करेंगे. प्रधानमंत्री हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा सेवापुरी के इसरवर गांव में एलपीजी बॉटलिंग प्लांट का शिलान्यास भी करेंगे. वह भरथरा गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और चेंजिंग रूम के साथ फ्लोटिंग जेट्टी सहित कई अन्य परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे. जल जीवन मिशन के तहत प्रधान मंत्री 19 पेयजल योजनाओं को समर्पित करेंगे, जिससे 63 ग्राम पंचायतों के 3 लाख से अधिक लोग लाभान्वित होंगे. ग्रामीण पेयजल व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए पीएम मोदी मिशन के तहत 59 पेयजल योजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे.
वाराणसी और उसके आसपास के किसानों, निर्यातकों और व्यापारियों के लिए, फलों और सब्जियों की ग्रेडिंग, छंटाई, प्रसंस्करण करखियांव में निर्मित एक एकीकृत पैक हाउस में संभव हो सकेगा. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री इस परियोजना को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. यह वाराणसी और आसपास के क्षेत्र के कृषि निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करेगी. वह राजघाट और महमूरगंज सरकारी स्कूलों के पुनर्विकास कार्य, आंतरिक शहर की सड़कों के सौंदर्यीकरण और शहर के छह पार्कों और तालाबों के पुनर्विकास सहित वाराणसी स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विभिन्न परियोजनाओं को समर्पित करेंगे. प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एटीसी टॉवर सहित विभिन्न अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को भी समर्पित करेंगे; वाटर वर्क्स परिसर, भेलूपुर में 2 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र; कोनिया पम्पिंग स्टेशन पर 800 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र; सारनाथ में नया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र; चांदपुर में औद्योगिक एस्टेट के बुनियादी ढांचे में सुधार और केदारेश्वर, विश्वेश्वर और ओंकारेश्वर खंड परिक्रमा के मंदिरों का कायाकल्प भी उनके कार्यक्रम में शामिल है.