WASHINGTON. लॉस एंजिल्स के पूर्व मेयर एरिक गार्सेटी भारत में संयुक्त राज्य अमेरिका के नए राजदूत होंगे. यह घोषणा ढाई साल पहले इस पद के लिए पहली बार उनके नाम का उल्लेख किए जाने के बाद अब की गई है. डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य गार्सेटी लॉस एंजिल्स के मेयर के रूप में अपने नौ साल के लंबे कार्यकाल के अंतिम वर्षों तक एक उभरते हुए सितारे थे. मेयर रहते हुए एरिक गार्सेटी का नाम कई विवादों से जुड़ा. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के विश्वस्त 52 वर्षीय गार्सेटी को अमेरिकी सीनेट ने इस मामले पर क्लॉचर मोशन अपनाने के बाद नियुक्त किया. क्लॉचर प्रस्ताव को तब अपनाया जाता है जब एक सर्वोच्च बहुमत इस मुद्दे का समर्थन करता है और आगे की बहस अल्पसंख्यक सदस्यों द्वारा सीमित रहती है. इस कड़ी में अमेरिकी सीनेट ने 52-42 की वोटिंग से भारत में अगले राजदूत पर उनके नाम को मंजूरी दी. गौरतलब है कि जनवरी 2021 तक केनेथ जस्टर भारत में अमेरिका के आखिरी राजदूत थे.
भारत में अपना राजदूत नियुक्त करने में अमेरिका को 2 साल से अधिक लगे
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2021 में भारत में राजदूत के रूप में लॉस एंजिल्स के पूर्व मेयर और एक समय डेमोक्रेटिक पार्टी में उभरते हुए सितारे गार्सेटी को नामित किया था. उनके नाम की पुष्टि की सुनवाई भी हुई थी, लेकिन आपत्तियों के बढ़ने पर उन्हें कभी भी सीनेट समिति का वोट नहीं मिला. नामांकन रद्द होने के बाद इसे व्हाइट हाउस को लौटा दिया गया. इस साल जनवरी में नई कांग्रेस के साथ व्हाइट हाउस ने नामांकन फिर से भेजा. ताजा मुसीबत फिर भी खड़ी हो गई. रिपब्लिकन सीनेटर मार्को रुबियो ने रिच वर्मा सहित अन्य लोगों के एक समूह के साथ गार्सेटी के नामांकन पर रोक लगाने की घोषणा की. हालांकि गासेर्टी के राजनीतिक रसूख और व्हाइट हाउस से निकटता ने उन्हें अपने हाल के अधिकांश पूर्ववर्तियों से दौड़ में आगे कर दिया. बावन वर्षीय गार्सेर्टी व्हाइट हाउस के करीबी हैं और उन्हें कभी बाइडेन कैबिनेट का संभावित सदस्य माना जाता था. यह अलग बात है कि उनके साथ विवादों ने ऐसा होने नहीं दिया.
एरिक गार्सेटी होंगे भारत में नए राजदूत
राष्ट्रपति जो बाइडेन के करीबी सहयोगी एरिक गार्सेटी सीनेट द्वारा उनके नामांकन की पुष्टि के बाद भारत में अगले अमेरिकी राजदूत होंगे. अमेरिकी-भारत के प्रगाढ़ होते संबंधों और हालिया वैश्विक समीकरणों के बावजूद भारत में अमेरिकी राजदूत के प्रमुख राजनयिक पद को भरने के लिए दो साल से अधिक का समय लग गया.
एक लंबा इंतजार
एरिक गार्सेटी का नामांकन जुलाई 2021 से अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष लंबित था. पिछले सप्ताह सीनेट की विदेश संबंध समिति ने उनके नामांकन के पक्ष में 13-8 वोट दिए थे.
एरिक गार्सेटी के नाम पर गतिरोध
पिछली कांग्रेस के दौरान वोट के लिए गार्सेटी का नामांकन सीनेट फ्लोर पर नहीं लाया गया था, क्योंकि सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 52 वर्षीय राजनेता के नाम पर मुहर लगाने के लिए पर्याप्त समर्थन नहीं था. राष्ट्रपति बाइडेन के अमेरिकी राष्ट्रपति बतौर पहले दो वर्षों में सीनेट द्वारा उनकी पुष्टि नहीं की गई थी. कुछ सांसदों का कहना था कि गार्सेटी ने अने पूर्व वरिष्ठ सलाहकार के खिलाफ यौन उत्पीड़न और अन्य विवादों को ठीक ढंग से नहीं संभाला था. हालांकि गार्सेटी हमेशा किसी भी गलत काम से इंकार करते आए.
भारत में पिछले अमेरिकी राजदूत
नई दिल्ली में अमेरिका के राजदूत आवास के अंतिम निवासी केनेथ जस्टर ने अमेरिका में सरकार बदलने के बाद जनवरी 2021 में पद छोड़ दिया था. तब से ही अमेरिकी राजदूत का पद भारत में खाली था.
दोबारा से नामांकन
राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस साल जनवरी में गार्सेटी को भारत में अगले अमेरिकी राजदूत के पद पर फिर से नामित किया. गार्सेटी समर्थकों ने तर्क दिया कि भारत में बगैर अमेरिकी राजदूत फिलवक्त भू-राजनीतिक चिंताओं के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है. अमेरिका के प्रमुख सहयोगियों में से एक भारत में अमेरिकी दूतावास जनवरी 2021 से एक राजदूत के बिना है. अमेरिका-भारत संबंधों के इतिहास में यह सबसे लंबा अंतराल है जब यह पद खाली रहा है.
और अंत में…
बुधवार को लॉस एंजिल्स के पूर्व मेयर के नामांकन की पुष्टि के लिए सीनेट ने 52-42 वोट दिए. गार्सेटी ने तीन डेमोक्रेट के वोट खो दिए, लेकिन सात रिपब्लिकन को अपने पक्ष में राजी कर लिया, जिससे उनका रास्ता सा हो गया. अब वे जल्द ही भारत में नए अमेरिकी राजदूत बतौर कार्यभार संभाल लेंगे.