JAGDALPUR. सुकमा जिले के जगरगुंडा में बीते दिनों नक्सलियों और जवानों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ के बाद नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर छह जवानों को मौत के घाट उतारने के साथ ही उनसे बड़ी मात्रा में हथियारों को लूटने का उल्लेख किया था। साथ ही अपने किसी भी सदस्य की मौत नहीं होने की बात का प्रेस नोट में जिक्र किया गया था। अब इस प्रेस नोट को बस्तर के IG ने खारिज करते हुए कहा कि नक्सली अपने अंतिम समय में है, इसलिए यह उनकी बौखलाहट है।
उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा क माओवादी संगठनों की अंतिम सांस की छटपटाहट और खात्मे का यह प्रमाण है। प्रतिबंधित CPI माओवादी संगठन द्वारा गुमराह, असत्य और अनर्गल तथ्यों के माध्यम से निरंतर ‘Cut-Copy-Paste’ तरीके से प्रेस नोट जारी किया जा रहा है। माओवादियों द्वारा अपने खोए हुए जनाधार और अधीनस्थ माओवादी कैडर के गिरे हुए मनोबल को संभालने के लिए निरंतर झूठ का सहारा लिया जा रहा है।
माओवादियों के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में 25 फरवरी को जिला सुकमा के जगरगुण्डा-कुंदेड मुठभेड़ में DRG सुकमा के छह जवान के शहीद और 12 जवान के घायल होने के बारे में सरासर झूठ और अनैतिक तरीके से दुष्प्रचार किया जा रहा है। मगर वास्तविक घटना यह है कि यह मुठभेड़ में DRG सुकमा, कोबरा और CRPF द्वारा माआोवादियों के छुपकर हमला करने जैसे कायराना हरकत को मुंह तोड़ जवाब देते हुए कई नक्सल कैडर को क्षति पहुंचा कर जंगल का आड़ लेकर भागने के लिए विवश कर दिया है। इस मुठभेड में DRG सुकमा के तीन कमांडोज रामूराम नाग, आरक्षक कुंजाम जोगा और आरक्षक वंजाम भीमा वीरता का सर्वोच्च परिचय देते हुए शहीद हुए थे। अन्य किसी जवान को किसी भी प्रकार की कोई क्षति अथवा नुकसान नहीं हुई है।
बस्तर IG सुन्दरराज पी. द्वारा यह बताया गया कि मुठभेड में होने वाले क्षति को छुपाना, झूठ का सहारा लेने जैसे घिनौना हरकत माओवादी संगठन की पहचान है। ऐसी पहचान पुलिस की नहीं है। दक्षिण सब जोनल ब्यूरो माओवादी संगठन द्वारा बीते 25 फरवरी के घटना के संबंध में एक फरवरी को अंकित की गई जो इस बात का प्रमाण है कि वर्तमान में माओवादियों द्वारा ‘Cut-Copy-Paste’ तरीके से ही तथ्यविहीन और असत्य बातों के सहारे सिर्फ गुमराह और दुष्प्रचार किया जा रहा है।
बीते कुछ दिन में माओवादी कैडरों द्वारा जिस तरीके से निहत्थे आम लोग और वाहन, मोबाइल टॉवर जैसे साफ्ट टार्गेट को निशाना बनाया जा रहा है और उससे जवानों द्वारा अपनी वीरता और साहस का परिचय देते हुए उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है, इससे माओवादियों की बौखलाहट और घबराहट स्पष्ट दिख रही है।
प्रेस नोट में उल्लेख किया गया है कि माओवादियों द्वारा बीते 22 साल में 1724 से अधिक निर्दोष गाव वालों, आदिवासियों की कायराना ढंग से हत्या कर आतंकित और भयभीत करते हुए जनता का शोषण करने का प्रयास, डरा-धमकाकर लेवी वसूल कर अपना पेट पाल रहे हैं, उसे सुरक्षा बलों द्वारा तगड़ा जवाब दिया जा रहा है।
बस्तर IG सुन्दरराज पी. द्वारा CPI माओवादी संगठन के महासचिव बसव राजू को चुनौती देते हुए कहा है कि यदि हिम्मत है तो जनक्रांति युद्ध के नाम पर हत्या किए गए किसी एक भी निर्दोष आदिवासियों के परिजन के समक्ष पेश होकर उनके एक भी प्रश्न का ईमानदारी और नैतिकता से जवाब दें। बस्तर IG द्वारा यह भी बताया गया कि माओवादियों के अधीनस्थ कैडर द्वारा सिर्फ अपने नेताओं को गुमराह करने और टार्गेट को पूरा करने मनमाने ढंग से घटनाए घटित करते हुए उसके माध्यम से मात्र सनसनी फैलाने का काम किया जा रहा है।