DANTEWADA. दंतेवाड़ा जिले में एक बार फिर नक्सलियों और जवाने के बीच मुढ़भेड़ हुई है। जिले के मालेवाही थाना से डीआरजी दंतेवाड़ा का दल नक्सल विरोधी अभियान पर मंगनार की दिशा में बुधवार सुबह रवाना हुए थे। अभियान के दौरान लगभग सुबह 7 बजे दंतेवाड़ा डीआरजी टीम द्वारा ग्राम मंगनार, गुफा एवं कोहबेड़ा के सीमावर्ती क्षेत्र के जंगल-पहाड़ियों में पूर्वी बस्तर डिवीजन नक्सलियों के डेरा की सूचना मिलने पर घेराबंदी कार्यवाही की जा रही थी। इस दौरान डीआरजी पार्टी एवं नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई।
जवानों ने मोर्चा संभालने के बाद करीब 40 मिनट तक मुठभेड़ चली। इसके बाद सुरक्षा बलों की कार्यवाही से पस्त होकर नक्सलियों द्वारा डेरा खाली कर जंगल का आड़ लेकर भाग खड़े हुए। मुठभेड़ के बाद सर्चिंग के दौरान घटनास्थल से बड़ी मात्रा में नक्सलियों के कैम्पिंग सामान, दैनिक उपयोग की वस्तुएं, विस्फोटक सामान एवं अन्य सामग्री बरामद की गई है। आसपास इलाके में सर्चिंग के लिए सीआरपीएफ 195 वीं वाहिनी एवं दन्तेवाड़ा डीआरजी की अतिरिक्त टीम रवाना किया गया है। इलाके में अलर्ट भी कर दिया गया है।
नक्सलियों ने फिर फेंके पर्चे, सड़क की ब्लॉक
दूसरी ओर, जगदलपुर में मंगलवार की रात नक्सलियों ने नेशनल हाइवे फारेस्ट नाका से रुद्राराम तक भारी मात्रा में पर्चे फेंककर कोरंडम खदान का विरोध किया है। मद्देड एरिया कमेटी माओवादियों के द्वारा रोड पर फेंके पर्चों में लिखा है कि कुकनूर, धनगोल में माइनिंग कंपनी को कोरंडम खदान देने की निंदा की है। माओवादियों ने पर्चों में लिखा है कि सरकार आदिवासी इलाकों के सभी प्रकार के खनिज संसाधनों को कौड़ियों के दाम बेचकर पूंजीपतियों की जेब भर रही है। माओवादियों ने भाजपा मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि राजनीतिक संसाधन हमलों के साथ हमारी पार्टी के ऊपर एलआईसी पालिसी को अपनाते हुए दुष्टप्रचार कर रही है। आदिवासी जनता अपने जल जंगल जमीन व अस्तित्व और आत्मसम्मान के लिए जन संघर्ष कर रही है। नक्सलियों ने आम जनता, किसान, छात्र, युवाओं व सभी वर्गों से अपील की है कुचनुर, धनगोल गांव में कोरंडम खदान को माइनिंग कंपनी को सौंपने के खिलाफ संघर्ष करने और आगे आने को कहा है। नक्सलियों ने इसका विरोध जगह-जगह करने की बात पर्चों में लिखी है।