NEW DELHI. भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं को ध्वस्त करने, सीबीआई-ईडी सरीखी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाली कांग्रेस पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीत विपक्ष मोदी सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के निहित राजनीतिक दुरुपयोग का लगातार आरोप लगाती आ रही है. हालांकि सच तो यह है कि फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई ने मुझे छोड़ने के लिए तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेने के लिए मुझ पर भारी दबाव बनाया था. उस वक्त केंद्र में कांग्रेस नीत यूपीए सरकार थी और सीबीआई उसके अधीन काम कर रही थी.
एक मीडिया हाउस के कॉन्क्लेव में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बीजेपी ने सीबीआई के दुरुपयोग पर कभी हंगामा नहीं किया. उस वक्त सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व कर रही थीं और मनमोहन सिंह की केंद्र में सरकार थी. गुजरात के फर्जी मुठभेड़ मामले में मुझे फंसाया गया था. तब के सीबीआई अधिकारी मुझसे साफ-साफ कहते थे कि गुजरात के सीएम मोदी का नाम ले लो, छोड़ दिया जाएगा. 90 फीसदी से अधिक सवालों के जवाब में वे सीएम मोदी का नाम लाना चाहते थे. गौरतलब है कि मुंबई की एक अदालत ने अमित शाह को फर्जी मुठभेड़ केस में बरी कर दिया था.
अमित शाह ने कहा कि उस वक्त के उलट आज की मोदी सरकार बदले की भावना से न तो काम कर रही है और न ही केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. आज विपक्षी नेताओं के खिलाफ सबूत हैं, जिन पर केंद्रीय जांच एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं. दिल्ली की आप सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यदि सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया निर्दोष हैं, तो उन्हें जमानत क्यों नहीं मिल रही है. उन्होंने अरविंद केजरीवाल को इस मसले पर फिजूल का वितंडा रचने को आड़े हाथों लिया.
राहुल गांधी के ‘अहंकार’ की आलोचना करते हुए शाह ने कहा, ‘लालू प्रसाद, जे जयललिता और राशिद अल्वी उन 17 लोगों में से थे, जिन्होंने अपनी सदस्यता खो दी, लेकिन किसी ने हंगामा नहीं किया. गांधी परिवार अपने लिए एक अलग कानून क्यों चाहता है? जब अन्य सांसदों को अयोग्य घोषित किया गया था, तब लोकतंत्र खतरे में क्यों नहीं था? जब उन्हीं ने दोषी सांसदों को राहत देने वाला अध्यादेश फाड़ा था, तो अब वह अपनी छाती क्यों पीट रहे हैं?.’