RAIPUR. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को राजभवन पहुंचकर नए राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से सौजन्य भेंट की. हालांकि इस दौरान उन्होंने प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर उनसे चर्चा भी की. कहा कि आरक्षण विधेयक पर वे यदि जल्द निर्णय लेते हैं तो अच्छा रहेगा, क्योंकि यह सीधे युवाओं के भविष्य से जुड़ा हुआ मामला है.बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ मुख्य सचिव अमिताभ जैन और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू भी मौजूद थे. सीएम ने सबसे पहले राज्यपाल हरिचंदन को पुष्प गुच्छ भेंट किया और उनका अभिवादन किया. इसके बाद उन्होंने राज्यपाल से चर्चा शुरू की. सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा आरक्षण विधेयक का था. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों व सरकारी संस्थाओं में नई भर्तियां रुक गई हैं, क्योंकि प्रदेश में अभी आरक्षण व्यवस्था लागू नहीं है. जब तक विधेयक कानून का रूप नहीं ले लेता ये स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी. यदि राज्यपाल जल्द से जल्द निर्णय ले लेते हैं तो हजारों युवाओं काे नौकरी का रास्ता खुलेगा. इसके साथ ही कई अन्य बिंदुओं पर भी उन्होंने अपनी बात रखी.
राज्यपाल उईके के पास से अटका है मामला
बता दें कि हाई कोर्ट ने प्रदेश में लागू 58 प्रतिशत आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए इसे निरस्त कर दिया था. इसे बीजेपी सरकार के दौर में लागू किया गया था. इसके बाद राज्य सरकार ने नए सिरे से आरक्षण विधेयक तैयार किया और विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित कर इसे पास कराया. अंत में इसे हस्ताक्षर के लिए राजभवन भेजा गया था. लेकिन, तत्कालीन राज्यपाल अनुसुईया उईके ने इस पर हस्ताक्षर करने के बजाय इसे अपने पास रख लिया.
राज्य सरकार की ओर से सवाल उठाए जाने पर उनका कहना था कि 58 प्रतिशत आरक्षण कोर्ट में नहीं टिका तो 76 प्रतिशत कैसे टिकेगा. इस पर जवाब मिलने के बाद वे हस्ताक्षर करेंगी. इस तरह आरोप- प्रत्यारोप का दौर चलता रहा. आखिरकार मामला हाई कोर्ट तक भी पहुंच गया. इस बीच नए राज्यपाल के रूप में हरिचंदन आए हैं. अब राज्य सरकार को भी उम्मीद है कि वे इस पर जरूर कोई निर्णय लेंगे.