DURG. केन्द्रीय विद्यालय दुर्ग में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम का संचालन डॉ अजय आर्य ने किया। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य ग्लोरिया मिंज ने की थी। उन्होंने कहा कि लड़कों को भी लड़कियों की तरह संस्कार देने की जरूरत है। वहीं इस कार्यक्रम में जे प्रधान, सतीश धीवर, डॉ मृदुला चतुर्वेदी, एस के चतुर्वेदी, एस के.तिर्की, बिंदु शिवराजन उपस्थित रहे।
मिली जानकारी के मुताबिक 08 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस था। इस अवसर पर केन्द्रीय विद्यालय दुर्ग में रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में ग्लोरिया मिंज ने अध्यक्षता निभाई, उन्होंने इस अवसर पर कहा कि हम आज लड़कियों को लड़कों की तरह शिक्षा दीक्षा दे रहे हैं। मगर लड़कों को भी लड़कियों की तरह संस्कार देने की जरूरत है। वहीं जे प्रधान ने कहा कि पुरुष शारीरिक दृष्टि से बलवान हो सकता है किंतु मानसिक दृष्टि से महिलाएं अधिक मजबूत हैं। इसके अलावा सतीश धीवर ने महिलाओं के सम्मान में गीत प्रस्तुत किया। इसके अलावा एस.के चतुर्वेदी ने कहा कि जिस परिवार में मां मुखिया होती है वह परिवार सुखी होता है एवं तरक्की करता है।
आकर्षित नृत्य का प्रदर्शन
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण एस.के तिर्की एवं बिंदु शिवराजन द्वारा प्रस्तुत नृत्य रहा। जिसमें पुरुष की भूमिका महिला और महिला की भूमिका पुरुष ने निभाई। उप प्राचार्य पुष्पा बारा ने कहा कि हमें समाज में आदर्श वातावरण बनाना चाहिए जिसमें किसी भी महिला को भय और पक्षपात का सामना ना करना पड़े। वहीं डॉ अजय आर्य ने अपनी कविता में नारी जाति का वर्णन किया, जिसमे उन्होंने कहा- “तुम मालपुआ हो गुजिया हो तुम ही रसगुल्ले वाली हो तुम होली हो रंगोली हो तुम दीप दीपावली वाली हो। अपनी त्याग तपस्या से तुम घर को स्वर्ग बनाती हो सत्यवान की खातिर तुम यमराज से भिड़ने वाली हो। दुनिया जिस की गाथा गाती तुम वह अमर कहानी हो”।
छात्राओं को किया सम्मानित
इस अवसर पर विशिष्ट उपलब्धियों वाली छात्राओं को भी सम्मानित किया गया। केंद्रीय विद्यालय कक्षा तीसरी की छात्रा नायरा रंगारी को हिंदी एवं छत्तीसगढ़ी फिल्मों की बाल-कलाकार एवं इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड 2020 स्टोरी टेलिंग कंपटीशन में अवार्ड प्राप्त करने पर सम्मानित किया गया। नायरा रंगारी की महिला दिवस पर एक शॉर्ट फिल्म को भी सम्मानित किया गया।
भगवान का रूप माँ
इस अवसर पर विशिष्ट उपलब्धि वाली शिक्षिकाओं को भी सम्मानित किया गया। डॉ मृदुला चतुर्वेदी टीजीटी (गणित) के द्वारा माँ के ऊपर लिखी गई कविता “भगवान का रूप माँ” महानदी पत्रिका में प्रकाशित हुई जिसके लिए प्रकाशन मण्डल द्वारा पुरस्कृत किया गया एवं रागिनी गौरव, प्राथमिक शिक्षिका द्वारा लिखित कविता “ ज़िंदगी” को भी महानदी पत्रिका में प्रकाशित किया गया। कार्यक्रम में सभी शिक्षिकाओं का सम्मान शिक्षकों द्वारा किया गया।