NEW DELHI. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 16 मार्च को ग्रेटर हिमालयन रेंज पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण जोजिला दर्रा खोल दिया, वह भी महज 68 दिनों में. 11,650 फीट ऊंचाई पर स्थित जोजिला दर्रा केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख तथा जम्मू और कश्मीर के बीच एक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है. इसको 6 जनवरी 2023 तक मौसम की कठिन परिस्थितियों के बीच बर्फ निकासी अभियानों के माध्यम से यातायात के लिए खुला रखा गया था. 6 जनवरी के बाद भारी बर्फबारी के कारण यह सामरिक मार्ग बंद हो गया था, लेकिन सिर्फ 68 दिनों के भीतर ही इस पर फिर आवाजाही सुनिश्चित कर दी गई है.
रक्षा मंत्रालय यह सुनिश्चित करना चाहता है कि जोजिला दर्रा कम से कम समय के लिए बंद हो. पिछले वर्ष इसे 73 दिनों में और बीते वर्षों के 160-180 दिनों की तुलना में इस साल जोजिला दर्रा केवल 68 दिनों के लिए ही अवरुद्ध रहा है. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि शुरूआत में फरवरी, 2023 के पहले सप्ताह से क्रमश जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में प्रोजेक्ट बीकन व विजयक के अंतर्गत जोजिला दर्रे के दोनों ओर से बर्फ हटाने का अभियान चलाया गया था. निरंतर एवं अथक प्रयासों के बाद 11 मार्च 2023 को प्रारंभ में जोजिला दर्रे पर संपर्क सुविधा बहाल कर दी गई थी. इसके बाद, वाहनों के लिए आवागमन हेतु सुरक्षित मार्ग बनाने के उद्देश्य से सड़कों की स्थिति में सुधार करने के प्रयास किए गए.
इसी तरह से गुरेज सेक्टर और कश्मीर घाटी के बीच एकमात्र सड़क संपर्क सुविधा प्रदान करने वाला राजदान दर्रा भी केवल 58 दिनों तक अवरुद्ध रहने के बाद 16 मार्च 2023 को सफलतापूर्वक खोल दिया गया है. साधना, फरकियान गली और जमींदार गली के अन्य महत्वपूर्ण दर्रे सर्दियों के पूरे मौसम में खुले रखे गए थे. सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी, वीएसएम ने इस सफलता को हासिल करने में प्रोजेक्ट बीकन व प्रोजेक्ट विजयक के कर्मयोगियों की सराहना की.
लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने कहा कि जोजिला और राजदान दर्रे के जल्द खुलने से लद्दाख तथा गुरेज घाटी के लोगों के लिए आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति में सुगमता होगी. सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक ने बताया कि परीक्षण के तौर पर कुछ वाहनों का गुरुवार को सफलतापूर्वक आवागमन संचालित कराया गया. उन्होंने कहा कि सड़क को नागरिक यातायात के लिए खोलने का निर्णय संयुक्त निरीक्षण के बाद नागरिक प्रशासन द्वारा लिया जाएगा.