NEW DELHI. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने देश भर में पिछले एक हफ्ते में कोरोना संक्रमण के मामलों में उछाल के मद्देनजर कोविड-19 के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं. आईसीएमआर के हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स रिसर्चर डॉ लोकेश शर्मा ने ट्वीट किया, ‘संशोधित गाइडलाइन लोपिनवीर-रटनवीर, एचसीक्यू, इवरमेक्टिन, कॉन्वलसेंट प्लाज्मा, मोल्नुपिराविर, फेविपिराविर, एज़िथ्रोमाइसिन, डॉक्सीसाइक्लिन जैसे एंटीबॉयोटिक के उपयोग की सलाह नहीं देती है.’
संशोधित दिशा-निर्देशों में कहा गया है, ‘एंटीबायोटिक्स का उपयोग तब तक नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि जीवाणु संक्रमण का क्लीनिकल सस्पिशन संदेह न हो. अन्य स्थानिक संक्रमणों के साथ कोविड के सह-संक्रमण की संभावना पर विचार किया जाना चाहिए. प्रणालीगत कॉर्टिकोस्टेरॉइड हल्के रोग में उपयोग के लिए जारी नहीं किए जाते हैं.’ दिशा-निर्देशों में आगे कहा गया है, ‘सांस लेने में कठिनाई, बहुत तेज बुखार के साथ गंभीर खांसी विशेष रूप से पांच दिनों से अधिक समय तक रहने पर तत्काल चिकित्सा की सलाह लें. किसी भी उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए इसकी एक कम सीमा रखी जानी चाहिए.’
इसके अतिरिक्त दिशा-निर्देश अनुशंसा करते हैं कि तेजी से बढ़ने वाले अत्यधिक जोखिम वाले मध्यम या गंभीर रोगों में पांच दिनों तक रेमेडिसविर पर विचार करें. पहले दिन 200 मिलीग्राम आईवी और उसके बाद अगले चार दिनों के लिए 100 मिलीग्राम आईवीओडी पर.
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक की राज्य सरकारों को परीक्षण, ट्रैक, उपचार और टीकाकरण की पांच गुना रणनीति का पालन करने के लिए एक पत्र लिखा था, क्योंकि इन राज्यों में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है.