NEW DELHI. दुनिया में अरबपतियों की संख्या में 8 फीसदी की गिरावट आई है. हालिया आंकड़ों के तहत 2022 के 3,381 अरबपतियों की संख्या इस साल घटकर 3,112 ही रह गई है. 2023 की एस3एम हुरुन ग्लोबल रईस सूची के अनुसार इन सभी वैश्विक अरबपतियों की सकल संचयी संपत्ति पिछले वर्ष की तुलना में 10 फीसदी घटकर 13.7 ट्रिलियन डॉलर रह गई है. अमेजन के जेफ बेजोस को इस लिहाज से सबसे बड़ा नुकसान हुआ है. उनकी संपत्ति 118 अरब डॉलर की तुलना में 70 अरब डॉलर रह गई. जेफ बोजोस के बाद एलन मस्क का नंबर आता है , जिन्होंने 48 अरब डॉलर की संपत्ति गंवा दी. गौतम अडानी छठे सबसे बड़े नुकसान में रहे. उनकी संपत्ति 28 अरब डॉलर घटकर 53 अरब डॉलर रह गई. पिछले एक साल में 28 अरबपतियों के इस सूची से बाहर होने के बाद अब भारत में 187 अरबपति हैं. चीन और अमेरिका अभी भी सूची में शीर्ष पर हैं, जिनका दुनिया के सभी अरबपतियों में 53 फिसदी हिस्सा है.
हुरुन रईसों की सूची के ये रहे बड़े उतार-चढ़ाव
भारत के कुल 187 अरबपतियों में से 5 शीर्ष 100 में आते हैं. इन भारतीय अरबपतियों में 30 विदेश में रहते हैं, जिनमें 15 नए चेहरे इस सूची में शामिल हुए हैं, भारतीय अरबपतियों में 10 महिलाएं भी शुमार हैं.
कोई भी नया अरबपति भारत नहीं आया, जबकि 114 दुनिया भर से अमेरिका चले गए.
2022 के बाद से भारत के कुल 41 अरबपतियों को 1 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है. चीन इस सूची में सबसे ऊपर है, जिसके 178 अरबपति प्रभावित हुए हैं.
82 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ मुकेश अंबानी (66 रैंक) ने सबसे अमीर भारतीय का खिताब हासिल करने के लिए गौतम अडानी (61) को पीछे छोड़ दिया है.
मुकेश अंबानी हुरुन ग्लोबल रईस सूची के शीर्ष 10 में प्रवेश करने वाले एकमात्र भारतीय हैं.
इसी सूची में 28 अरब डॉलर के नुकसान के साथ गौतम अडानी दूसरे स्थान पर खिसक आए हैं. उन्हें पिछले साल हर हफ्ते लगभग 3,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
भारत में रहने वाले 187 अरबपतियों और 16 नए अरबपतियों के साथ भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा अरबपति लोगों का देश बना हुआ है. अगर भारतीय मूल के अरबपतियों को जोड़ लिया जाए, तो यह संख्या बढ़कर 217 हो जाती है.
पिछले पांच वर्षों में भारतीय अरबपतियों ने अपनी संचयी संपत्ति में 361 अरब डॉलर का इजाफा किया है, जो हांगकांग के सकल घरेलू उत्पाद के बराबर है.
मुंबई में 66 अरबपति रहते हैं. उसके बाद नई दिल्ली (39) और बेंगलुरु (21) हैं.
हेल्थकेयर सेक्टर ने सबसे अधिक भारतीय अरबपति दिए हैं. इसके बाद उपभोक्ता वस्तुओं और रसायन क्षेत्र का नंबर आता है. दूसरी ओर वैश्विक स्तर पर वित्तीय सेवाओं, स्वास्थ्य सेवा और खुदरा क्षेत्र ने अधिक अरबपतियों को जन्म दिया है.
27 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ वैक्सीन किंग सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साइरस एस पूनावाला दुनिया के सबसे अमीर हेल्थकेयर अरबपति हैं. उनके बाद सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज के दिलीप सांघवी और परिवार (17अरब डॉलर) हैं.
7.1 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ अश्विन एस दानी और परिवार 377 पायदान पर दुनिया के सबसे अमीर पेंट उद्यमी हैं.
भारत दुनिया के सबसे अमीर विमानन कंपनियों से जुड़े अरबपतियों का भी घर है. राकेश गंगवाल और राहुल भाटिया और इंडिगो एयरलाइंस का परिवार सबसे धनी विमानन अरबपति हैं, जिनके पास क्रमशः 3.6 अरब डॉलर और 3.3 अरब डॉलर की संपत्ति है.
पिछले तीन वर्षों में 1,005 रैंक की छलांग लगा और 3.3 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ बायजू के रवींद्रन और परिवार दुनिया के शिक्षा क्षेत्र के दूसरे सबसे अमीर उद्यमी हैं. हालांकि इस सूची में वे 994 पायदान पर आते हैं.
पिछले वर्ष की तुलना में 11 रैंक नीचे गिरे गौतम अडानी अमीरों की सूची में तीसरे सबसे अमीर ऊर्जा उद्यमी हैं.
82 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ मुकेश अंबानी हुरुन सूची में सबसे अमीर दूरसंचार उद्यमी हैं.