NEW DELHI.कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक सहित चौदह राजनीतिक दलों ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. इन विपक्षी पार्टियों ने शीर्ष अदालत से विपक्षी नेताओं की ‘मनमानी गिरफ्तारी’ पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय के लिए गिरफ्तारी पूर्व और गिरफ्तारी के बाद के दिशा-निर्देशों की मांग की. शीर्ष अदालत 5 अप्रैल को याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गई है. गौरतलब है कि सूरत की जिला अदालत द्वारा 2019 के ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 2 साल की जेल की सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद विपक्षी दलों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है.
जाहिर है राहुल गांधी को सजा का मसला केंद्र सरकार और विपक्षी दलों के बीच नया राजनीतिक मुद्दा बन गया है. जहां कई गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने राहुल गांधी के खिलाफ सूरत कोर्ट के फैसले की निंदा की, वहीं कांग्रेस ने शुक्रवार को विपक्षी दलों की एक बैठक की. आप के मनीष सिसोदिया, बीआरएस की के कविता और राजद के तेजस्वी केंद्रीय एजेंसियों के रडार पर आए प्रमुख विपक्षी नेता हैं.
मनीष सिसोदिया को सीबीआई और ईडी ने दिल्ली के कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार किया है. बीआरएस की के कविता से भी इसी मामले में पूछताछ की गई है और तेजस्वी और उनके परिवार के सदस्यों को नौकरी के लिए जमीन मांगने के मामले की जांच की जा रही है. कांग्रेस के डॉ अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 14 पार्टियां 42 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं. उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र खतरे में है. हम मौजूदा जांच को प्रभावित करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. 95 फीसद मामले विपक्षी नेताओं पर हैं. हम गिरफ्तारी से पहले और बाद के दिशा-निर्देशों की मांग कर रहे हैं.’
केंद्रीय जांच एजेंसिया सीबीआई औऱ ईडी के मनमाने इस्तेमाल के खिलाफ कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, जनता दल यूनाइटेड, भारत राष्ट्र समिति, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), नेशनल कॉन्फ्रेंस, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी, सीपीआई, सीपीएम और डीएमके ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. विपक्षी दलों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. 5 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई होगी, जिसे सूचीबद्ध कर लिया गया है.