BHILAI. काव्य रस के प्रमुख प्रकारों में शामिल हास्य, व्यंग्य, श्रृंगार और ओज का संगम भिलाई में होने जा रहा है. अवसर है तीरंदाज काव्य सम्मेलन का, जिसमें इन रसों की प्रतिनिधि कविताओं से प्रदेश ही नहीं, देशभर में अपनी छाप छोड़ने वाले छह कवि अपनी छाप छोड़ेंगे. वे काव्य की रसधारा के तीर छोड़ेंगे और आपको सराबोर होने के लिए 11 फरवरी का इंतजार करना होगा. स्थान और समय हम बताने जा रहे हैं और कौन हैं वे प्रमुख कवि यह भी बताएंगे.
जी हां, tirandaj.com आप लाेगों के लिए काव्य महोत्सव लेकर आया है. 11 फरवरी को ये आयोजन भिलाई के चंद्रा-मौर्या सिनेमा हाॅल के बाजू में स्थित tirandaj के कार्यालय में होगा. आयोजन का समय शाम साढ़े सात बजे से रखा गया है. इसमें आपको सभी प्रकार की कविताएं सुनने को मिलेंगी. यानी हास्य से लेकर विभिन्न सममामयिक मुद्दों पर कटाक्ष करती हुई व्यंग्यात्मक कविताएं, मन को शांत करने वाली सरस गीतात्मक कविताएं, श्रृंगार रस में डूबी कविताएं आदि का तालमेल रहेगा.
ये हैं वे छह कवि और उनकी यूएसपी
गजराज दास महंत
कवि गजराज दास महंत भिलाई के रहने वाले हैं. वे हास्य की कविताएं रचते हैं और सुनाते हैं. श्रोता हैं कि उनकी हंसी रुकने का नाम नहीं लेती. हास्य कविताएं ही उनकी यूएसपी है.
सुनील शर्मा ‘नील’
कवि सुनील शर्मा ‘नील’ बेमेतरा के रहने वाले हैं. उनकी पहचान ओजपूर्ण कविताओं से रही है. वे न सिर्फ देशभक्ति का जज्बा भरते हैं, बल्कि समाज व देश-दुनिया में फैले भ्रष्टाचार, कुरीतियां, अपराध, व्यभिचार को लेकर उनके अंदर भरे गुस्से को भी वे कविताओं से जाहिर करते हैं.
राजीव चौबे
कवि राजीव चौबे भिलाई के रहने वाले हैं. वे भी ओजपूर्ण कवितओं के लिए जाने जाते हैं. आपको बता दें कि वे जितना प्रभावी ढंग से अपनी कविताओं को सुनाते हैं, उतने ही बेहतर अंदाज में मंच का संचालन भी करते हैं. यहां भी वे मंच संचालन करते नजर आएंगे.
निशा आनंद तिवारी
कवयित्री निशा आनंद तिवारी की प्रतिनिधि कविताओं में श्रृंगार रस की कविताएं शामिल हैं. प्रेम-स्नेह, मिलन और बिछुड़न की भावपूर्ण अभिव्यक्ति उनकी कविताओं में परिलक्षित होती हैं.
मयंक शर्मा
कवि मयंक शर्मा भी ओजपूर्ण कविताओं से श्रोताओं के अंदर जज्बा भरेंगे. उनकी रचनाओं में भी देशभक्ति के अलावा समाज में व्याप्त कुंठाओं के प्रति कटाक्ष और खीझ साफ झलकती है और अपनी कविताओं में इन्हें वे व्यक्त करते हैं. वे भी दुर्ग के रहने वाले हैं.
भरत द्विवेदी
कवि भरत द्विवेदी रायपुर के रहने वाले हैं. वे मूलत: गीतकार हैं. ऐसे में उनकी गेय कविताओं में सरसपूर्ण अभिव्यक्ति आपके मन को भावनाओं में सराबोर करेगी.
समय और स्थान कर लें नोट
तिथि – 11 फरवरी 2023
समय – शाम 7:30 बजे
स्थान – तीरंदाज कार्यालय, चंद्रा-मौर्या सिनेमा हाॅल के बाजू, भिलाई