INDORE. मार्च का महीना शुरू होते ही होली की तैयारी शुरू हो जाती है। इस महीने में कई अन्य व्रत और त्योहार होने जा रहे हैं। हालांकि, इनकी शुरुआत होगी आंवला एकादशी से। ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि मार्च में एकादशी के दो व्रत होंगे। पहली आमलकी एकादशी और दूसरी पापमोचिनी एकादशी।
आमलकी एकादशी के दिन रंगभरी एकादशी मनाई जाती है, जिसमें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इन्हें गुलाल चढ़ाया जाता है। इस बार यह 3 मार्च को मनाई जाएगी। महर्षि वशिष्ठ ने राजा मान्धाता को इस व्रत के महत्व के बारे में बताया। इस व्रत को करने से सभी पाप मिट जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति को स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है।तीन शुभ योग बन रहे हैं इस बार
इस साल आमलकी एकादशी पर 3 शुभ योग बन रहे हैं। इनमें सर्वार्थ सिद्धि योग विशेष फल देगा। आमलकी एकादशी के दिन तीन शुभ योगों में सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य योग और शोभन योग शामिल हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग की बात करें तो यह 3 मार्च को व्रत के दिन सुबह 6 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर दोपहर 3 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। दूसरा योग है सौभाग्य योग। यह सुबह से शुरू होगा और 3 मार्च को शाम 6:45 बजे समाप्त होगा। इसके पूर्ण होने के बाद तीसरा शुभ योग शोभन योग शुरू होगा, जो व्रत के दिन तक रहेगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग में आमलकी एकादशी का व्रत करें
अगर आप आमलकी एकादशी का व्रत कर रहे हैं तो आपको सर्वार्थ सिद्धि योग में भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन पूजा मुहूर्त 06:45 से 11:06 तक है। सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य सफल होंगे और पूजा का फल मिलेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग में जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, वे सफल होते हैं। हालांकि आमलकी एकादशी के दिन होलाष्टक रहेगा ऐसे में आप कोई भी शुभ कार्य नहीं कर पाएंगे। मगर, पूजा पाठ पर कोई रोक नहीं होगी।
आमलकी एकादशी पूजा विधि
आमलकी एकादशी के दिन आंवले के फल से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस खास दिन उपवास करने का संकल्प लें। फिर भगवान विष्णु की पूजा करें और आपको उन्हें आंवला फल का भोग लगाना है। फिर भगवान शिव और माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा करें। इस खास दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने का भी विशेष महत्व है। इसलिए आंवले के पेड़ को धूप, दीप, भोग आदि अर्पित करें। पूजन के बाद किसी ब्राह्मण या किसी जरूरतमंद को भोजन कराएं और आदरपूर्वक दान दक्षिणा देकर घर से निकलें।