ISLAMABAD.
पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने सोमवार को इमरान खान को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने सरकार विरोधी विरोध प्रदर्शन नए सिरे से शुरू करने की हिमाकत की, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख को आंदोलन की राजनीति करने के लिए दोषी ठहराया. डॉन अखबार के मुताबिक पंजाब प्रांत के मुल्तान में पार्टी सम्मेलन में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सनाउल्लाह ने पूर्व प्रधानमंत्री पर निशाना साधा. गौरतलब है कि इमरान खान ने अपने पार्टी नेताओं को हिरासत में प्रताड़ित करने और नए आम चुनावों की घोषणा में देरी के लिए संघीय सरकार के खिलाफ ‘जेल भरो तहरीक’ यानी जेल भरो आंदोलन की तैयारी करने के निर्देश बीते दिनों दिए थे. इमरान के इन निर्देशों के कुछ दिनों बाद गृह मंत्री ने यह चेतावनी दी है.
गौरतलब है शनिवार को क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने इमरान खान ने जामन पार्क स्थित अपने घर से टीवी पर पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया, ‘मैं तैयार रहने और ‘जेल भरो तहरीक’ के मेरे आह्वान का सभी से इंतजार करने के लिए कहता हूं. पाकिस्तान की जेलों में इतनी जगह नहीं होगी कि सभी को रखा जा सके.’ खान ने यह घोषणा पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष फवाद चौधरी और नेशनल असेंबली की पूर्व सदस्य शंदना गुलजार के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के बाद की. इसके बाद रविवार को गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख को समस्याएं पैदा करने के लिए दोषी ठहराया. उन्होंने कहा, ‘2014 में पीटीआई ने विरोध प्रदर्शनों कर देश की प्रगति और समृद्धि की यात्रा को रोकने की कोशिश की. इमरान खान लंबे मार्च के रूप में आंदोलन की राजनीति कर रहे हैं. वह अपने लांग मार्च से इस्लामाबाद को बंधक बनाने का काम ही कर रहे हैं.
पीटीआई के जेल भरो आंदोलन पर गृह मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि खान को उसी मौत की कोठरी में भेजा जाएगा, जहां मुझे मेरी गिरफ्तारी के दौरान रखा गया था. इसके साथ ही मंत्री ने चेतावनी दी कि अगर खान ने विरोध प्रदर्शन शुरू करने की हिम्मत की तो संघीय सरकार उन्हें गिरफ्तार करने के लिए तैयार है. रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए पूर्व मंत्री फारुख हबीब ने कहा, ‘पीटीआई के कार्यकर्ता और नेता संघीय सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू करने के लिए इमरान खान के आह्वान का इंतजार कर रहे हैं. इमरान खान के कहने पर पार्टी नेतृत्व और कार्यकर्ता जेल जाने से नहीं डरने वाले. सबसे पहले तो मैं पहले जेल जाऊंगा.’ पिछले साल नवंबर में हत्या के प्रयास के बाद इमरान खान को इस्लामाबाद तक अपने लांग मार्च को स्थगित करना पड़ा था.
इसी तरह मई 2022 में भी इमरान खान ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के संघीय राजधानी पहुंचने के कुछ ही पलों के बाद आज़ादी रैली को अचानक स्थगित कर दिया था. 2018 में सत्ता में आए इमरान खान पाकिस्तान के अकेले वाहिद वजीर-ए-आजम हैं, जिन्हें अप्रैल 2022 में संसद में अविश्वास मत की वजह से सत्ता गंवानी पड़ी. सत्ता से बेदखल होने के बाद से ही उन्होंने मध्यावधि चुनावों की घोषणा करने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ अपनी मुहिम तेज़ कर दी है. हालांकि शरीफ सरकार ने समय से पहले आम चुनाव कराने से इंकार किया है. मौजूदा नेशनल असेंबली का कार्यकाल अगस्त में समाप्त हो रहा है.