BILASPUR. आज तक आपने सास-बहु को घर चलाते, नौकरी करते या किसी लीगल सामान का व्यापार करते जरूर सुना होगा। लेकिन छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में एक सास-बहू की जोड़ी ऐसी भी है। जो इज्जत का कमाने और खाने के सिद्धांत से बिलकुल उलट ड्रग्स का व्यापार करती थी। ये बाहर से नशीली दवाइयां मंगवाकर, यहां बेचा करती थी। फिलहाल दोनों महिलाएं पुलिस हिरासत में है। इस व्यापार में इनके आने से पहले महिला का बेटा इसी धंधे में था। जब पुलिस ने उसे पकड़ लिया और जेल भेज दिया। तब उसकी जगह इस सास-बहू की जोड़ी ने ले ली।
मामला बिलासपुर जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है। यहां पिछले दिनों बंटी गहरवार नाम के युवक को नशीली दवाई बेचने के जुर्म में पुलिस ने गिरफतार कर लिया। इसके बाद कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया। उसके जेल में जाते ही उसकी माँ लक्ष्मी गहरवार और पत्नी आकांक्षा ने मिलकर अपने बेटे के इस अवैध नशे के कारोबार को संभाल लिया। इन लोगों ने अपना खुद का एक गैंग बना लिया। वे लोग नशीली दवाइयों के बड़े सप्लायरों के संपर्क में थे। उनके माध्यम से बाहर से दवाइयां मंगवाकर, अपने गैंग की मदद से बेचा करते थे।
पुलिस को विश्वसनीय सूत्रों से जब इस बात का पता चला तो उन्होंने इन दोनों पर नजर रखनी शुरू कर दी और अंततः इन्हें एक ऑटो में सवार नशीली दवाइयों के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद पुलिस पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबुल कर लिया।
गैंग में नाबालिगों को किया शामिल
नशीली दवाई बेचते पकड़े न जाएं। इसलिए इन्होनें अपनी गैंग में नाबालिगों को शामिल किया था। ताकि पुलिस को इन लोगों पर शक न हो, और बिक्री में आसानी हो। पुलिस की कार्रवाई में एक किशोर को भी उनके साथ मौके से पकड़ा गया था।