KATHMANDU.फाल्गुन की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। आज भोलेनाथ के भक्त शिवालयों में जलाभिषेक कर रहे हैं। नेपाल के विश्व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर में भी भोले बाबा के भक्तों की लंबी लाइन लगी हैं। पशुपति क्षेत्र विकास न्यास को शिवरात्रि पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना पहले से ही थी। लिहाजा, मंदिर के चारों द्वार शनिवार सुबह तीन बजे से ही खोल दिए थे।
ऐसी व्यवस्था की गई है कि भक्त मंदिर के चारों द्वारों से 60 से 90 मिनट के भीतर शिवलिंग के दर्शन कर सकें। पूरे पशुपति क्षेत्र को रंग-बिरंगी रोशनी, कागज के झंडों और मालाओं से सजाया गया है। भक्तों के स्वागत के लिए दर्जनों स्वागत द्वार बनाए गए हैं।
भीड़ को संभालने के लिए करीब 5,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा 4,000 स्वयंसेवक भी व्यवस्था को संभाल रहे हैं। किसी भी तरह की आपात स्वास्थ्य स्थिति से निपटने के लिए पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है। उम्मीद है कि आज कम से कम 15 लाख श्रद्धालुओं के प्रार्थना के लिए पहुंचेंगे।
शिवरात्रि पर पूजन करने से मिलता है दुखों से छुटकारा
शिवरात्रि पर भगवान शिव की छह बार पूजा होती है। इस दौरान रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जप, भजन आदि का कार्यक्रम चलता रहेगा। भगवान शिव का प्रिय दिन शिवरात्रि को माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ की पूजा करने से दुखों से छुटकारा मिलता है और जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
काठमांडू में पशुपति क्षेत्र के कैलाशकूट और किरतेश्वर में शास्त्रीय नृत्य होंगे। पशुपतिनाथ मंदिर में नेपाल और भारत के विभिन्न हिस्सों से करीब 3500 साधु भी पहुंचे हैं, जिसमें से लगभग 1,000 नागा बाबा हैं। ट्रस्ट साधुओं के लिए भोजन की व्यवस्था करेगा कई लोग पवित्र नदियों का जल कांवड़ में लेकर रुद्राभिषेक करने पहुंचे हैं और कई लोग कांवड़ के साथ पहुंच रहे हैं।