DURG. दुर्ग में जिला प्रशासन ने परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला लिया है। यहां अब 30 जून तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ध्वनि प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देश के तहत और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के ध्वनि प्रदूषण विनिमय एवं नियंत्रण नियम के अनुसार स्कूल्स, कॉलेजेस, यूनिवर्सिटीज में एग्जाम्स को ध्यान में रखते हुए रात में ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने जिले में इसे नियम को 30 जून 2023 तक के लिए निर्धारित सीमा से अधिक होने पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों को प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया गया है। धार्मिक त्यौहारों, संस्कारों, शादी, उत्सव, चुनाव प्रचार इत्यादि के अवसर पर व्यक्ति विशेष के पक्ष में ऐसे कारणों से जो लेखबद्ध किए जाएंगे में आवश्यक होने पर अनुमति संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी जिला दुर्ग द्वारा शर्तो के अधीन दी जाएगी।सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग धीमी स्वर में किया जाए। किसी निजी उपयोग के स्थान की सीमा या किसी व्यक्ति द्वारा अपने निजी यंत्रों का उपयोग किया जा रहा है तो उसकी सीमा उस क्षेत्र के लिए निर्धारित परिवेशीय वायु गुणवत्ता सीमा से 5 डीबी (ए) से अधिक नहीं होना चाहिए। लाऊड स्पीकर या ध्वनि विस्तारक यंत्र या ध्वनि उत्पन्न करने वाले यंत्रों का उपयोग सार्वजनिक स्थलों पर किया जा रहा हो तो उसकी सीमा उस क्षेत्र के परिवेशीय ध्वनि पैमाने से 10 डीबी (ए) या 75 डीबी (ए) से अधिक नहीं होनी चाहिए। ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग दो छोटे बाक्स के साथ प्रात: छह से रात दस बजे तक ही किया जाएगाा। जिस स्थल (भूमि) पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है उस स्थल के उपयोग के संबंध में सक्षम प्राधिकारी (नगर निगम या BSP) से अनापत्ति लेना अनिवार्य होगा। किसी भी परिस्थिति में रात दस से सुबह छह बजे के बीच ऐसी अनुमति नहीं दी जाएगी।