BILASPUR. ओडिशा की महिला ट्रेन से एक बड़ा थैला लेकर आई थी और स्टेशन से बाहर आकर रेलवे परिक्षेत्र में ही खड़ी थी। मुखबिर की सूचना पर पहुंची पुलिस और आरपीएफ के जवानों को उसका हुलिया देखकर यकीन करना मुश्किल हो रहा था कि ये गांजा तस्करी कर सकती है। तलाशी लेने पर यकीन हो गया और मात्रा देखकर चौंक भी गए। 10 किलो गांजा था, जिसकी कीमत एक लाख पांच हजार बताई जा रही है। खरीदार पहुंच जाते तो बच जाती, लेकिन पुलिस पहले ही पहुंच गई।
आरपीएफ ऑपरेशन नारकोस चला रही है। इसके तहत ट्रेन, स्टेशन व रेलवे परिक्षेत्र में अभियान चलाती है। शनिवार को भी तोरवा पुलिस के साथ आरपीएफ जांच कर रही थी। तभी मुखबिर से सूचना मिली कि बिलासपुर रेलवे स्टेशन के बाहर गुलाबी रंग का जैकेट, काई रंग का छिटदार स्कर्ट, गुलाबी रंग का सफेद छिटदार स्कार्फ पहनी एक महिला के पास जा रखा हुआ है। वह यहां गांजा को बेचने के लिए किसी का इंतजार कर रही है। तोरवा थाना प्रभारी उत्तम कुमार साहू के साथ ही बिलासपुर आरपीएफ प्रभारी व निरीक्षक भास्कर सोनी समेत अन्य जवान मौके पर पहुंचे। सूचना सही निकली।
वह महिला खड़ी थी और उसके पास मुखबिर के बताए अनुसार नीले रंग का बैग रखा हुआ था। महिला से पहले सामान्य पूछताछ की गई। तब उसने अपना नाम प्रमिला मुली निवासी गोकर्णापुर अमलगुड़ा जिला गंजाम ओडिशा बताया। महिला से बैग दिखाने को कहा गया, तो वह मना करने लगी। बाद में बैग को खोला गया, तो पुलिस व आरपीएफ के जवान हैरान रह गए। बैग के अंदर 10 किलो 600 ग्राम गांजा रखा था। महिला व जब्त गांजा को लेकर तोरवा थाने लाया गया। यहां महिला के खिलाफ 20 बी एनडीपीएस एक्ट के तहत जुर्म दर्ज किया गया। आपको बता दें कि ओडिशा से बड़े पैमाने पर गांजा की तस्करी छत्तीसगढ़ के अलग-अलग शहरों और जिलों में होती है। सड़क मार्ग पर पकड़े जाने के खतरे ज्यादा होते हैं। ऐसे में अधिकांश तस्करी ट्रेनों के माध्यम से होती है। इसमें पकड़े भी जाने पर गांजा ही पकड़ाता है और तस्कर बच निकलता है। कभी-कभी ही वे पकड़ में आते हैं।