SUKMA. नक्सल इलाकों में एक दशक भर पहले ग्रामीणों और जवानों के बीच की दूरियां किसी से छिपी नहीं थी। नक्सल इलाक़ों में तेज़ी से सुरक्षाबलों ने अपनी पकड़ बनाई और अब उस नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में एक के बाद एक सुरक्षा बलों के जवान ग्रामीणों में विश्वास जगाने में कामयाब हो रहे हैं। सुरक्षाबलों के जवान यहां ग्रामीणों के हितों के लिए ही पहुंचे हैं। अब यह अहसास ग्रामीणों को दिलाने में जवान कामयाब हो रहे हैं।
दरअसल, ऐसा ही एक मामला जगरगुंडा इलाके में सामने आया है, जहां जगरगुंडा SDOP विजय राजपूत अपने थाना प्रभारी नरेंद्र राठौर और जवानों के साथ सुरक्षा में जगरगुंडा से आठ किलोमीटर की दूरी पर सड़क का निर्माण करा रहे थे। इसी बीच, खाट पर महिला को लादे हुए ग्रामीण आते दिखे जब ग्रामीण पास में पहुंचे तो SDOP विजय राजपूत ने पूछताछ की।
पूछताछ में पता लगा कि जगरगुंडा से 20 किलोमीटर दूर स्थित गांव बेड़मा की महिला बीमार है, जिसे हॉस्पिटल तक खाट पर लाद कर ले जाया जा रहा था। बता दें कि यह इलाका लम्बे समय से नक्सलियों के प्रभाव में रहा है, जहां शासन की योजनाएं बहुत अच्छी तरह से नहीं पहुंच पाई, जिसके चलते यहां एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती है।