RAIPUR. नारायणपुर में धर्मांतरण को लेकर शुरू हुए विवाद पर सियासत भी तेज होती जा रही है। अब पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का धर्मांतरण को लेकर बड़ा बयान आया है। उन्होंने दावा किया है कि यदि बीजेपी की सरकार बनती है तो प्रदेश में धर्मांतरण के खिलाफ कानून लाएगी। इसके साथ ही धर्मांतरण को लेकर उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आने के बाद प्रदेश में लगातार धर्मांतरण के मामले बढ़े हैं। वे इसे रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं।
दरअसल, पूर्व सीएम डॉ. रमन बीजेपी प्रदेश कार्यालय एकात्म परिसर में प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव व पूर्व मंत्री राजेश मूणत के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। पत्रकारों से चर्चा के दौरान डॉ. रमन सिंह ने आगे ये भी कहा कि साल 1980 में कांग्रेस की सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून बनाया था। ये लोकतंत्र विरोधी कानून है, जो उनकी मानसिकता को प्रदर्शित करता है। ये कानून राष्ट्रीय सुरक्षा कानून न होकर यह कांग्रेस सुरक्षा कानून है। कह सकते हैं कि ये कांग्रेस को सुरक्षा देता है। इसके तहत पुलिस किसी भी व्यक्ति को एक साल के लिए बिना कारण बताए जेल में डाल सकती है। इसमें जमानत तक नहीं होती।
रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश में धर्मांतरण को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने साजिश की है। उनके सामने आखिर ऐसी क्या परिस्थिति बन गई कि उन्हें ऐसा गंभीर कदम उठाना पड़ गया है। क्या कानून व्यवस्था उनके नियंत्रण से बाहर हो गया है?, क्या सीएम भूपेश और उनकी सरकार व्यवस्था को संभालने में नाकाम साबित हो रहे हैं। असलियत ये है कि वे तुष्टिकरण और धर्मांतरण के एजेंडे को लेकर काम कर रहे हैं। इसीलिए इस कानून को वे हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना चाह रहे हैं।
अधिसूचना प्रदेश को आपातकाल में झोंकने जैसा: साव
बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि राज्य के 31 कलेक्टरों को रासुका लगाने का अधिकार दे दिया गया है। यह अधिसूचना राज्य को आपातकाल में झोंकने के समान है। ये कह सकते हैं कि इसके जरिए सरकार के खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने के लिए षड़यंत्र रचा गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर जारी अधिसूचना जनता के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। जबकि प्रदेश में खुलेआम धर्मांतरण हो रहा है।
धर्म विशेष को लाभ पहुंचाने की कोशिश
पूर्व सीएम डॉ. रमन ने कहा कि राज्य में अघोषित आपातकाल लागू कर ये सरकार लोकतांत्रिक आंदोलन को कुचलने की कोशिश में लगी है। असलियत ये है कि सीएम भूपेश से उनकी कुर्सी नहीं संभल रही है। जब ऐसा है तो उन्हें उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। लेकिन नहीं, कुर्सी बचाने के लिए वे रासुका जैसे काले कानून को लेकर अधिसूचना जारी कर रहे हैं। दरअसल, ये सरकार प्रदेश में एक धर्म विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए इस तरह की हरकत कर रही है।