WASHINGTON.
पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अपनी आत्मकथा में दावा किया कि 2019 में भारत द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक में पाक केंद्रित आतंकी ठिकानों को तबाह करने के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान के संभावित परमाणु हमले को टाल दिया था. पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान या पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी जैसे निर्वाचित सरकार के सदस्यों से बात करने के बजाय पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पूर्व मंत्री ने पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल क़मर जावेद बाजवा को फोन करना चुना था.
वह कहते हैं, ‘मैंने पाकिस्तान के वास्तविक नेता जनरल बाजवा को फोन किया, जिनके साथ मैं पहले भी कई बार बातचीत कर चुका था, मैंने उन्हें वह बताया जो भारतीयों ने मुझे बताया था. उन्होंने कहा कि यह सच नहीं है.’ गौरतलब है कि अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक का इशारा तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की ओर था. माइक का दावा है कि सुषमा स्वराज ने उन्हें बताया कि बालाकोट पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान भारत पर परमाणु हमला करने की योजना बना रहा है. साथ ही इसके जवाब में भारतीय पक्ष ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. हालांकि माइक पाम्पिओ के दावों से पता चलता है कि अमेरिका और उसके प्रशासन भी जानता है कि पाकिस्तान की चुनी हुई सरकारें केवल नाममात्र की भूमिका में रहती हैं जबकि वास्तविक निर्णय सेना द्वारा लिए जाते हैं.
पोम्पिओ ने दावा किया कि भारतीय अधिकारी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष आश्वस्त थे कि दोनों पक्ष परमाणु युद्ध की तैयारी कर रहे थे क्योंकि पाकिस्तान इस बात से नाराज था कि भारत ने फरवरी 2019 को उसके हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद आतंकवादी गढ़ों को खत्म कर दिया. भारत के कुछ समाचार पत्रों और समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने भी मार्च 2019 की अपनी रिपोर्ट में कहा कि फरवरी 2019 में भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे पर मिसाइल दागने के बेहद करीब आ गए थे. भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन वर्तमान को नुकसान होने पर भारत ने पाकिस्तान को कड़े कदम उठाने की चेतावनी दी थी.
पाकिस्तान अपने राज्य समर्थित आतंकवादी शिविरों पर हमला किए जाने से नाराज था. उसने बालाकोट हवाई हमले के जवाब में जैसे को तैसा हमला शुरू किया था. मिग -21 बाइसन पायलट विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तानी अधिकारियों ने पकड़ लिया था, लेकिन भारत द्वारा कूटनीतिक प्रयास शुरू करने और पाकिस्तान को कठोर उपायों की चेतावनी देने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था. पोम्पिओ ने अपनी किताब में दावा किया है कि उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन, उस समय भारत में अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम किया कि ऐसा कोई नतीजा न निकले
क्या पोम्पेओ के दावों के पीछे सच्चाई का पता नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन हिंदुस्तान टाइम्स की 2019 की रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि एनएसए अजीत डोभाल ने संयुक्त राज्य अमेरिका से कहा कि अगर अभिनंदन को नुकसान पहुंचाया गया तो भारत अपने हमले को तेज करने के लिए तैयार था. पाकिस्तान को चेतावनी देने के साथ भारतीय सेना ने राजस्थान में सतह से सतह पर मार करने वाली 12 कम दूरी की मिसाइल बैटरी स्थापित की थी.