PESHAWAR.
पाकिस्तान के पेशावर में फिदायीन आतंकी हमले की शिकार बनी मस्जिद से मंगलवार को संदिग्ध आत्मघाती हमलावर का कटा हुआ सिर बरामद हुआ है. पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी पेशावर शहर में उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में सोमवार को दोपहर की नमाज के दौरान नमाजियों से खचाखच भरी एक मस्जिद में खुद को उड़ा लिया था. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि बम विस्फोट से मरने वालों की संख्या बढ़कर 96 हो गई, जबकि 221 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. मलबे से शेष शवों को निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है. गौरतलब है कि पुलिस लाइन्स इलाके में मस्जिद के अंदर दोपहर करीब 1.40 बजे शक्तिशाली विस्फोट हुआ, जब नमाजी, जिसमें पुलिस, सेना और बम निरोधक दस्ते के कर्मी शामिल थे, जोहर (दोपहर) की नमाज अदा कर रहे थे. अधिकारियों ने कहा कि अग्रिम पंक्ति में मौजूद आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया, जिससे छत नमाजियों पर गिर गई.
राजधानी शहर के पुलिस अधिकारी (सीसीपीओ) पेशावर मोहम्मद एजाज खान ने जियो टीवी को बताया कि विस्फोट एक आत्मघाती हमला प्रतीत होता है और संदिग्ध हमलावर का सिर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर में घटनास्थल से बरामद किया गया है. जियो टीवी ने उनके हवाले से कहा, ‘यह संभव है कि हमलावर विस्फोट से पहले ही पुलिस लाइन में मौजूद था और उसने प्रवेश करने के लिए एक आधिकारिक वाहन का इस्तेमाल किया हो.’ खान ने कहा कि बचाव अभियान समाप्त होने के बाद विस्फोट की सही प्रकृति का पता चलेगा. खैबर पख्तूनख्वा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री मुहम्मद आजम खान ने मंगलवार को हमले के बाद प्रांत में एक दिन के शोक की घोषणा की है.
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), जिसे पाकिस्तानी तालिबान के रूप में जाना जाता है, ने आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली और कहा कि यह पिछले अगस्त में अफगानिस्तान में मारे गए टीटीपी कमांडर उमर खालिद खुरासानी के मौत का बदला था. 2007 में कई उग्रवादी संगठनों के एक समूह के रूप में स्थापित टीटीपी ने संघीय सरकार के साथ संघर्ष विराम को समाप्त कर दिया और अपने उग्रवादियों को देश भर में आतंकवादी हमले करने का आदेश दिया था. माना जाता है कि अल कायदा के करीबी इस आतंक समूह को पाकिस्तान भर में कई घातक हमलों के लिए दोषी ठहराया गया है, जिसमें 2009 में सेना मुख्यालय पर हमला, सैन्य ठिकानों पर हमले और 2008 में इस्लामाबाद में मैरियट होटल में बमबारी शामिल है. 2014 में, पाकिस्तानी तालिबान ने पेशावर के उत्तर-पश्चिमी शहर में आर्मी पब्लिक स्कूल हमला बोल दिया, जिसमें 131 छात्रों सहित कम से कम 150 लोग मारे गए. इस हमले ने दुनिया भर में स्तब्ध कर दिया और व्यापक रूप से निंदा की गई.