TIRANDAJ. न्यूजीलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कहा है कि वह इस साल अक्टूबर में होने जा रहे आम चुनाव में खड़ी नहीं होंगी. जैसिंडा अर्डर्न 2017 में गठबंधन सरकार में देश के शीर्ष पद पर पहुंचीं. इसके बाद उन्होंने 2020 चुनाव में अपनी सेंटर-लेफ्ट लेबर पार्टी को व्यापक जीत दिलाई. अपने आंसुओं को रोकते हुए जैसिंडा अर्डर्न ने कहा कि 7 फरवरी कार्यालय में उनका आखिरी दिन होगा.
इस्तीफे की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं इसलिए नहीं जा रही हूं क्योंकि यह मेरे लिए कठिन दौर था. अगर ऐसा होता, तो मैं शायद दो महीने पहले ही पद छोड़ देती. मैं जा रही हूं क्योंकि इस तरह की विशेषाधिकार प्राप्त भूमिका के साथ जिम्मेदारी भी आती है. यह जानने की जिम्मेदारी आती है कि आप कब नेतृत्व करने के लिए सही हैं और यह भी कि आप कब नहीं हैं. मुझे पता है कि यह काम कितनी जिम्मेदारी भरा है. मुझे पता है कि अब मेरे पास इस पद के साथ न्याय करने की क्षमता नहीं है. मेरा इस्तीफे का बस यही सीधा सा आसान कारण है.’
जानें जैसिंडा अर्डर्न के बारे में
1. जैसिंडा अर्डर्न को अपने देश में कोरोनो वायरस महामारी से निपटने के लिए विश्व स्तर पर सराहना मिली.
2. वह उत्तरी द्वीप के भीतरी इलाकों में पली-बढ़ी, जहां उसके पिता एक पुलिस अधिकारी थे. एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली जैसिंडा अर्डर्न ने अपनी कम्युनिकेशन डिग्री पूरी की.
3. टोनी ब्लेयर की सरकार में नीति सलाहकार के रूप में काम करने के लिए ब्रिटेन जाने से पहले उन्होंने पूर्व प्रधान मंत्री हेलेन क्लार्क के कार्यालय में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया.
4. जैसिंडा अर्डर्न ने जब न्यूजीलैंड के पीएम की जिम्मेदारी संभाली तब वह 37 साल की थीं.
5. वह 2008 में न्यूजीलैंड की संसद के लिए चुनी गईं और मार्च 2017 में लेबर पार्टी की उप नेता बनीं.
6. जेसिंडा अर्डर्न तब भी सुर्खियां में आई थीं, जब पीएम पद पर रहते हुए बच्चे को जन्म देने वाली दुनिया की दूसरी प्रधानमंत्री बनी थीं.
7. क्राइस्टचर्च मस्जिद गोलीबारी के बाद जैसिंडा अर्डर्न ने देश को जबर्दस्त संबल दिया था.
8. उन्होंने कोविड संकट के दौरान न्यूजीलैंडवासियों से लगातार ‘दयालु’ बने रहने का आग्रह किया. कोरोना के खिलाफ जंग और कोरोना प्रभावित लोगों की मदद के लिए सामूहिक पहल की अपील करते हुए उन्होंने कहा था कि देश पचास लाख लोगों की एक टीम है.