tirandaj.com. संयुक्त राष्ट्र द्वारा हाल ही में वैश्विक आतंकी घोषित अब्दुल रहमान मक्की ने लाहौर की कोट लखपत राय जेल से एक वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में मक्की आतंकी संगठन अल-कायदा से अपने संबंधों से इंकार कर खुद को बेकसूर बता रहा है. यही नहीं, मक्की भारत सरकार को निशाना बनाते हुए कहता है, ‘मेरा मानना है कि मेरी लिस्टिंग का आधार भारत सरकार की विधर्मी नीतियों और गलत सूचना पर आधारित है. मैं ओसामा बिन लादेन, अयमान अल-जवाहिरी या अब्दुल्ला आजम से कभी नहीं मिला, जैसा कि कुछ रिपोर्टों में आरोप लगाया गया है.’ मक्की ने इसके बाद आतंकी संगठन अल-कायदा के विचारों और कार्यों की भी निंदा कर कहा कि यह उसके विश्वास के बिल्कुल विपरीत है.
जेल से जारी वीडियो में मक्की कह रहा है, ‘मैं सभी प्रकार के आतंकवाद और हिंसा की निंदा करता हूं. मैं कश्मीर को लेकर पाकिस्तानी सरकार की केंद्रीय नीति में विश्वास करता हूं.’ यही नहीं, यूएनएससी के फैसले पर खेद जताते हुए मक्की कहता है, ‘इन लिस्टिंग के संबंध में न तो कोई उचित प्रक्रिया का पालन किया गया और न ही कोई जानकारी दी गई.’ गौरतलब है कि पाकिस्तान से पल्लवित-पोषित आतंकियों को वैश्विक आतंकियों के रूप में सूचीबद्ध करने के भारत के प्रयासों को मिली सफलता के रूप में मक्की को अंततः वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया गया. इस बार चीन भी मक्की को बचाने अपने वीटो पॉवर के रूप में आगे नहीं आया. बीते साल संयुक्त राष्ट्र के 1267 के नियम के तहत भारत ने कुल पांच नाम वैश्विक आतंकी बतौर प्रस्तुत किए थे. ये अब्दुल रहमान मक्की (एलईटी), अब्दुल रऊफ असगर (जैश-ए-मोहम्मद, जेईएम), साजिद मीर (एलईटी), शाहिद महमूद (एलईटी), और तलहा सईद (एलईटी) के रूप में थे.
भारत द्वारा पेश किए पांच आतंकियों के नामों को शुरुआत से ही संयुक्त राष्ट्र के एक स्थायी सदस्य देश (चीन) ने तकनीकी रोक पर रखा था, जबकि परिषद के अन्य सभी 14 सदस्य इन आतंकियों की लिस्टिंग पर सहमत थे. मक्की का मामला 1 जून 2022 को भारत द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जिसमें अमेरिका एक सह-नामित देश के रूप में शामिल था. एक सदस्य देश ने 16 जून 2022 को तकनीकी आधार पर मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित करने की प्रक्रिया में रोक लगा दी. छह महीने की अवधि के बाद दिसंबर के मध्य में फिर से इस पर विचार होना था. इस बार मंगलवार को चीन ने सुरक्षा परिषद में 1267 संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति के तहत वैश्विक आतंकवादी के रूप में मक्की के नाम पर अपनी तकनीकी रोक हटा ली.