RAIPUR. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद की बैठक हुई। बैठक तगड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच हुई। इसमें सुरक्षा एजेंसी से लेकर अन्य कई महत्वपूर्ण मुद्दें उठाए गए।
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद की 57वीं बैठक पुलिस प्रशासन की तगड़ी सुरक्षा के बीच हुई। बैठक के दौरान कई ऐसे मुद्दे उठे जिन पर विवाद की स्थिति भी निर्मित हुई। बैठक में शामिल पत्रकार राजकुमार सोनी और आवेश तिवारी ने विश्वविद्यालय में पढ़ रहे स्टूडेंट्स से प्राप्त शिकायतों के आधार पर वहां तैनात की गई सुरक्षा एजेंसी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। सदस्यों ने कहा कि वहां तैनात सुरक्षाकर्मी न तो हास्टल में ड्यूटी करते हुए नज़र आते हैं और न ही किसी अन्य स्थान पर। पत्रकार ने कहा कि सुरक्षा एजेंसी के लोग विद्यार्थियों से कई बार दुर्व्यवहार भी करते है। सदस्यों ने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय में तैनात प्रत्येक गार्ड का ड्यूटी चार्ट, आधार कार्ड और परिचय पत्र मांगा था जिसे अब तक उपलब्ध नहीं कराया गया है।
सदस्यों ने कहा कि सुरक्षा एजेंसी को छह महीने का एक्टेंशन दिए जाने के बावजूद वे सतत निगरानी रखेंगे। यदि इस बीच गंभीर शिकायतें आई तो कार्य परिषद की आपात बैठक में एजेंसी को कार्यमुक्त करने की मांग की जाएगी। कार्य परिषद के सदस्य राजकुमार सोनी और आवेश तिवारी ने अंबिकापुर के एक प्राइवेट कॉलेज को नए पाठ्यक्रम चलाने के लिए अस्थायी संबद्धता दिए जाने पर सवाल उठाया गया। सदस्यों ने कहा कि बिना निरीक्षण के किसी भी महाविद्यालय या परीक्षा सेंटर को मान्यता नहीं दी जानी चाहिए। इस पर सदस्यों को वहां जांच के लिए भेजे जाने पर सहमति बनी है।
बैठक में रायपुर ग्रामीण के MLA सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि उन्होंने यूनिवर्सिटी को चिट्ठी लिखकर पीएचडी से संबंधित जानकारी मांगी गई थी, मगर इसका जवाब अमर्यादित भाषा में दिया गया है। उन्होंने प्रोफेसर शाहिद अली के जवाब पर जमकर नाराजगी जाहिर की। बैठक में अनियमित कर्मचारियों की भर्ती प्लेसमेंट एजेंसी से कराए जाने के मसले पर भी विवाद हुआ। बैठक में अतिथि प्राध्यापकों के मानदेय में वृद्धि कर दी गई है। पहले प्राध्यापकों को एक क्लास का केवल दो सौ रुपए दिया जाता था, अब उन्हें तीन सौ रुपए दिया जाएगा। कार्य परिषद की अगली बैठक अब तीन माह बाद होगी। बैठक में विधायक बृजमोहन अग्रवाल, यूनिवर्सिटी के वीसी बल्देव भाई शर्मा, रजिस्ट्रार आनंद बहादुर सहित उच्च शिक्षा विभाग और वित्त विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।