बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शिक्षा मंत्री के रामायण पर दिए बयान से लगी आग अभी शांत भी नहीं हुई थी कि कन्नड़ लेखक ने इस आग में और घी डालने का काम कर दिया है. अब कन्नड़ लेखक केएस भगवान ने 20 जनवरी को कर्नाटक के मांड्या में एक कार्यक्रम में भगवान राम और मां सीता को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी है. उन्होंने दावा किया है कि वाल्मीकी रामायण में लिखा है कि भगवान राम हर रोज दोपहर को पत्नी सीता के साथ बैठकर शराब पीते थे. उन्होंने कहा कि ये सब वे नहीं कह रहे हैं, बल्कि दस्तावेज दावा कर रहे हैं. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब कन्नड़ लेखक ने भगवान राम पर ऐसी विवादित टिप्पणी की है.
कन्नड़ लेखक ने वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड का जिक्र करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि भगवान राम आदर्श नहीं थे. उन्होंने 11 हजार वर्षों तक शासन नहीं किया, बल्कि सिर्फ 11 वर्षों तक सिंहासन पर विराजमान रहे. इसके साथ ही लेखक ने कहा कि राम दोपहर के वक्त सीता के साथ बैठ कर दिन में शराब पीते थे. उन्होंने पत्नी सीता को जंगल में भेज दिया, उनकी बिल्कुल परवाह नहीं की. उन्होंने पेड़ के नीचे तपस्या कर रहे शूद्र शंबूक का सिर काट दिया था. वे किस तरह से आदर्श हो सकते हैं. उन्होंने अपनी पुस्तक ‘राम मंदिर यके बेड़ा’ में इसका जिक्र किया है.
जाहिर है कि लेखक केएस भगवान ने ऐसी टिप्पणी कर बड़ा विवाद खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि वाल्मीकि रामायण के अनुसार, भगवान राम ‘नशा’ करते थे और सीता को भी इसका सेवन कराते थे. इसे लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध किया है. हिंदू संगठनों ने लेखक के आवास के बाहर ‘पूजा’ करने का प्रयास किया. इसे रोकने के लिए पुलिस लगाई गई. यहां पर आवास की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है. एक हिंदू संगठन ने कहा, ‘भगवन ने अपनी पुस्तक ‘राम मंदिर यके बेदा’ में वाल्मीकि रामायण के अंतिम अध्याय उत्तर कांड के छंदों का उल्लेख किया. मगर उन्हें पता होना चाहिए कि हिंदू उत्तर कांड से सहमत बिल्कुल नहीं है. ऐसा इसलिए क्यों कि वाल्मीकि ने अध्याय नहीं लिखा है. बल्कि 24,000 श्लोक लिखे हैं. इसमें उत्तर कांड का कोई भी उल्लेख नहीं है.