JANJGIR. सरकारी नौकरी संविदा पर ही हो तो क्या, है तो सरकारी। ये धारणा लोगों के बीच इतनी मजबूत है कि वे इसे पाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते। ताजा मामला छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले का है। यहां सेशन कोर्ट में जलवाहक के छह पदों पर संविदा भर्ती के लिए आवेदन मंगाया गया था। योग्यता पांचवीं पास है, लेकिन कतार में जो उम्मीदवार हैं उनमें से कई पोस्ट ग्रेजुएट हैं। वहीं अब तक 3500 से अधिक आवेदन आ चुके हैं।
बहरहाल, इस हालात को देखते हुए प्रदेश में बेरोजगारी दर कम होने के सरकारी दावे का अंदाजा भी सहज ही लगाया जा सकता है। आपको बता दें कि पांचवी पास योग्यता की नौकरी के लिए स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्रीधारियों ने आवेदन किया है। रविवार को जिला कोर्ट परिसर में उनकी कौशल परीक्षा ली गई। इसमें उन्हें पौधे लगाने, साफ—सफाई ,गड्ढा खोदने जैसे काम देकर उनके कौशल का परीक्षण किया गया। इसके लिए आवेदक तैयारी के साथ पहुंचे थे।
मालूम हो कि जांजगीर-चांपा जिले के रोजगार कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या सवा लाख के आसपास है। ऐसे में कोई भी सरकारी वैकेंसी आती है तब बेरोजगारों की कतार लग जाती है। इसके चलते प्रतिस्पर्धा भी बढ़ जाती है। तब कम योग्यता वाले पदों पर भी अधिक योग्यता वाले उम्मीदवार आवेदक के रूप में कतार में लग जाते हैं। इसका खामियाजा ये भी होता है कि जो असल जरूरतमंद हैं, जिनके लिए ये वेकेंसी निकाली जाती है वे ही वंचित हो जाते हैं।
कार्यकुशलता पर भी पड़ता है असर
पिछले कुछ समय से ये भी देखा गया है कि अधिकांश उच्च शिक्षित युवा ऐसे छोटे पदों पर भर्ती होने के बाद इस तरह के काम को प्राथमिकता नहीं देते। इससे कार्यकुशलता पर असर दिखता है । क्लर्क व अन्य स्टाफ भी उनसे कम शैक्षणिक योग्यता वाले होते हैं। इस स्थिति में वे उन पर काम को लेकर ज्यादा दबाव भी नहीं बना पाते।